
IAS अधिकारियों की शादियां अक्सर अपने सादगीपूर्ण लेकिन शाही अंदाज के लिए सुर्खियों में रहती हैं। इन्हीं में से एक है IAS राम सब्बनवार की शादी, जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर आते ही लोगों के दिलों में जगह बना चुकी हैं। इस शादी में सबसे अधिक ध्यान खींचा दुल्हन मेघना के पारंपरिक महाराष्ट्रीयन ब्राइडल लुक ने, जिसमें वह पैठणी साड़ी पहन सोने के आभूषणों से सजी किसी अप्सरा जैसी नजर आईं। दूल्हे राम का भी अपनी दुल्हन से नजरें न हटा पाना इस बात का सबूत था कि मेघना का लुक कितना मनमोहक था।
पैठणी साड़ी ने बढ़ाया रॉयल लुक
आज जहां दुल्हनें ट्रेंडी लहंगे और मॉडर्न आउटफिट्स चुन रही हैं, वहीं मेघना ने पारंपरिक पैठणी सिल्क साड़ी को चुना। महाराष्ट्र की इस प्राचीन बुनावट वाली साड़ी को शादी में पहनना शुभ माना जाता है। तेज लाल रंग की इस साड़ी पर हरे, नीले और सफेद फूल-पत्तियों की नक्काशीदार डिजाइन ने उनके लुक को और अधिक आकर्षक बनाया। पल्लू की खूबसूरत प्लीट्स और निखरी ड्रेपिंग ने उनके शाही अंदाज में चार-चांद लगा दिए।
मेचिंग ब्लाउज बना आकर्षण का केंद्र
साड़ी के साथ मेघना ने मोतियों और सितारों से सजा हाफ-स्लीव ब्लाउज पहना, जिसकी स्लीव्स पर लगी लटकन और चमकदार डिजाइन ने पूरे लुक को ग्लैमरस स्पर्श दिया। यह ब्लाउज उनके आउटफिट का सबसे अट्रैक्टिव हिस्सा नजर आया।
परंपरा से जुड़ी मुंडवल्या ने जीता दिल
महाराष्ट्रीयन ब्राइडल लुक की पहचान मानी जाने वाली ‘मुंडवल्या’ को भी मेघना ने अपने विवाह में शामिल किया। मोतियों से सजी यह पारंपरिक सजावट उनके माथे पर बेहद खूबसूरत लग रही थी। इसे शुभ और पवित्र प्रतीक माना जाता है, और मेघना ने इस परंपरा को निभाकर दर्शकों का दिल जीत लिया।
सोने के आभूषणों से सजा दुल्हन का रूप
मेघना ने अपने ब्राइडल जूलरी में आधुनिक डिजाइन की बजाय पारंपरिक सोने के आभूषणों को चुना। गले में भारी सोने का हार, महाराष्ट्रीयन नथ, गोल्ड इयररिंग्स और हाथों में मोटे कंगन उनके रॉयल और पारंपरिक अंदाज को पूरी तरह निखार रहे थे।
चूड़े की जगह हरी चूड़ियों ने बढ़ाई शोभा
जहां आजकल दुल्हनें चूड़ा पहनना पसंद करती हैं, वहीं मेघना ने अपने सांस्कृतिक रीति-रिवाज़ के अनुसार हरी चूड़ियां पहनीं, जिन्हें शुभ माना जाता है। इनके साथ गोल्ड कंगनों का मेल उनके हाथों को आकर्षक और पारंपरिक रूप दे रहा था।
मेघना का यह ब्राइडल लुक इतना एलीगेंट, पारंपरिक और प्रेरणादायक है कि आने वाले वर्षों में भी दुल्हनें इसे अपनाने की चाह रख सकती हैं। बिना आधुनिक ट्रेंड्स के पीछे भागे, उन्होंने साबित कर दिया कि संस्कृति और परंपरा से जुड़ा दुल्हन का लुक हमेशा दिलों पर राज करता है।