
लखनऊ:
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रति बच्चों का लगाव जगजाहिर है। इसका जीवंत उदाहरण रविवार को देखने को मिला जब 9 साल की एक मूक-बधिर बच्ची कानपुर से अकेले ही सीएम से मिलने लखनऊ पहुंच गई। लेकिन रास्ता भटक जाने के कारण बच्ची लोकभवन के बाहर रोती मिली। हजरतगंज पुलिस ने तत्काल हस्तक्षेप कर उसकी सुरक्षा सुनिश्चित की और उसके परिवार से मिलवाया।
हजरतगंज पुलिस की तत्परता और संवेदनशीलता
रविवार शाम हजरतगंज प्रभारी निरीक्षक विक्रम सिंह और उनकी टीम गश्त पर थे। उसी दौरान उपनिरीक्षक अभिमन्यु कुमार की नजर विधानसभा के पास सड़क किनारे बैठी रोती बच्ची पर पड़ी। बच्ची बोल और सुन नहीं सकती थी, लेकिन पुलिस ने धैर्यपूर्वक उसे समझने की कोशिश की। ट्रांसलेटर बुलाकर कागज पर लिखकर उससे बातचीत की गई।
पता चला कि बच्ची कानपुर नगर के ग्वाल टोली क्षेत्र की रहने वाली है और टीवी पर सीएम योगी का आवास देखकर उनसे मिलने लखनऊ आई थी। रास्ता भटकने और परिजनों से संपर्क न होने की वजह से वह रो रही थी।
थाने में सुरक्षा और देखभाल
हजरतगंज पुलिस ने बच्ची को थाने लाकर भोजन कराया, सांत्वना दी और वीडियो कॉल के माध्यम से परिजनों से पहचान कराई। कुछ ही समय में परिजन लखनऊ पहुंचे और बच्ची को सुरक्षित सुपुर्द कर दिया गया।
सीएम योगी से मिलने की तैयारी
प्रभारी निरीक्षक विक्रम सिंह ने बताया कि बच्ची की मुलाकात जल्द ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कराई जाएगी। पुलिस ने संबंधित विभाग को अनुरोध भेज दिया है ताकि मुख्यमंत्री से मुलाकात का समय निर्धारित किया जा सके।
मानवता का संदेश
यह घटना हजरतगंज पुलिस की संवेदनशीलता और मानवता का जीवंत उदाहरण है। अकेली और भयभीत बच्ची की सुरक्षा सुनिश्चित कर, पुलिस ने न केवल कानून का पालन किया बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी और इंसानियत भी दिखाई।