
पश्चिम बंगाल में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर के बयान पर देश की सियासत तूल पकड़ चुकी है। कबीर ने 6 दिसंबर को मुर्शिदाबाद के बेलडांगा में बाबरी मस्जिद की नींव रखने की घोषणा की, जिसके बाद मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
उमा भारती का तीखा बयान
कबीर की घोषणा पर प्रतिक्रिया देते हुए उमा भारती ने कहा कि भारत पर आक्रमण करने वाले बाबर के नाम पर किसी भी प्रकार की इमारत निर्माण को स्वीकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने चेतावनी दी कि बाबर के नाम पर निर्माण होने पर कड़ा विरोध दर्ज कराया जाएगा और ऐसे कदम को समर्थन देने वाली सरकारों पर भी सवाल उठाए जाएंगे। उमा ने सभी राजनीतिक दलों से इस बयान की निंदा करने की अपील की।
‘इबादत के नाम पर मस्जिद से कोई आपत्ति नहीं’
उमा भारती ने एक्स पर लिखा कि अगर मस्जिद ‘खुदा, इबादत और इस्लाम’ के नाम पर बने तो उसे सम्मान मिलेगा, लेकिन बाबर के नाम पर निर्माण को लेकर आपत्ति जताई। उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सलाह दी कि इस प्रकार के बयान देने वालों पर कार्रवाई की जानी चाहिए और प्रदेश की सामाजिक संवेदनशीलता को ध्यान में रखा जाए।
टीएमसी विधायक का बयान और असर
हुमायूं कबीर ने दावा किया है कि 6 दिसंबर को होने वाले कार्यक्रम में कई धार्मिक नेताओं की मौजूदगी रहेगी। मुर्शिदाबाद मुस्लिम बहुल क्षेत्र होने के कारण राजनीतिक विश्लेषक इसे चुनावी रणनीति से भी जोड़कर देख रहे हैं। अब निगाहें इस बात पर हैं कि टीएमसी इस मुद्दे पर आधिकारिक रुख क्या अपनाती है।
पृष्ठभूमि और राजनीतिक संदर्भ
उमा भारती राम मंदिर आंदोलन से लंबे समय तक जुड़ी रही हैं और बाबरी मस्जिद विध्वंस के दौरान भी उनकी प्रमुख भूमिका रही थी। ऐसे में उनका बयान चुनावी माहौल में नई बहस को जन्म दे रहा है। संयोग से 6 दिसंबर बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी भी है, जिसके कारण इस विषय पर राजनीतिक हलचल और तेज हो सकती है।