
मेरठ, 22 नवंबर 2025। दिल्ली में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सुरक्षा एजेंसियों ने गतिविधियां तेज कर दी हैं। सहारनपुर से गिरफ्तार किए गए डॉक्टर अदील के मोबाइल फोन से मिले संपर्कों ने खुफिया तंत्र की चिंता बढ़ा दी है। सूत्रों के अनुसार एसटीएफ, आईबी और स्थानीय पुलिस पिछले कई दिनों से मेरठ, मुजफ्फरनगर, शामली, हापुड़ और रुड़की में सतर्क निगरानी में जुटी हुई है।
मोबाइल डेटा से उजागर हो रही पड़ताल
सूत्र बताते हैं कि अदील के फोन से कई ऐसे संपर्क नंबर मिले हैं, जिनकी लोकेशन पश्चिमी यूपी के विभिन्न जिलों से जुड़ रही है। एजेंसियां इन नंबरों के आधार पर संभावित मॉड्यूल और संदिग्ध गतिविधियों की पहचान करने में लगी हैं। फिलहाल कई व्यक्तियों पर निगरानी बढ़ा दी गई है।
पश्चिमी यूपी पूर्व में भी रहा है संवेदनशील इलाका
सुरक्षा रिकॉर्ड के अनुसार, बीते वर्षों में दिल्ली–एनसीआर और पश्चिमी यूपी में कई बार संदिग्ध नेटवर्क से जुड़े लोग पकड़े जा चुके हैं। मेरठ और रुड़की में पूर्व में हुई कार्रवाई आज भी खुफिया एजेंसियों के लिए महत्वपूर्ण केस माने जाते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इलाके के कुछ हिस्सों में संदिग्ध गतिविधियों के दौरान सामान्य जीवन में घुल-मिल जाना चुनौती बढ़ाता है।
पुराने मामलों की भी हो रही समीक्षा
एजेंसियां पिछले वर्षों में गिरफ्तार किए गए आरोपियों के संपर्क सूत्र और कॉल रिकॉर्ड दोबारा खंगाल रही हैं। यह भी जांच की जा रही है कि कहीं पहले निष्क्रिय माने गए मॉड्यूल फिर से सक्रिय तो नहीं हो रहे।
जांच के दायरे में कई जिलों की गतिविधियां
खुफिया सूत्रों के अनुसार—
- संभावित हॉटस्पॉट चिन्हित किए गए हैं
- संदिग्ध नंबरों की लोकेशन ट्रैकिंग जारी है
- कई पुराने नेटवर्क की कड़ियां जोड़ी जा रही हैं
अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल किसी बड़े खतरे की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन जांच अत्यधिक सतर्कता के साथ जारी है।
पुलिस और खुफिया एजेंसियों ने लोगों से अपील की है कि संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत स्थानीय प्रशासन को दें और अफवाहों से बचें।