
आगरा। आगरा से अलीगढ़ के बीच सफर अब और तेज, आसान और सुरक्षित होने वाला है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने बहुप्रतीक्षित आगरा–अलीगढ़ ग्रीन एक्सप्रेसवे परियोजना पर तेजी से काम शुरू कर दिया है। वर्तमान में 1.5 से 2 घंटे लगने वाला सफर इस एक्सप्रेसवे के तैयार होते ही सिर्फ एक घंटे में पूरा हो सकेगा।
64.9 किलोमीटर लंबे इस अत्याधुनिक मार्ग पर कुल 1536.9 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। एक्सप्रेसवे को दो चरणों में विकसित किया जा रहा है और इसे 2027 तक पूरी तरह तैयार करने का लक्ष्य तय किया गया है।
⭐ क्या है आगरा–अलीगढ़ ग्रीन एक्सप्रेसवे?
- कुल लंबाई: 64.9 किमी
- कुल लागत: 1536.9 करोड़ रुपये
- निर्माण अवधि: 18 महीने
- कनेक्टिविटी: आगरा के खंदौली टोल प्लाजा से एनएच-91 तक
- गांवों को लाभ: 66 गांव सीधे सड़क नेटवर्क से जुड़ेंगे
एक्सप्रेसवे पर यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा के लिए 49 फुटओवर ब्रिज (FOB) और कई अंडरपास बनाए जा रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों की आवाजाही भी इससे काफी सुगम होगी।
⭐ 2027 तक बनने की उम्मीद, क्या-क्या हो रहा तैयार?
परियोजना निदेशक संदीप यादव के अनुसार—
- निर्माण कार्य समयबद्ध गति से चल रहा है
- दो चरणों में तेजी से काम हो रहा है
- फरीदाबाद और गाजियाबाद की कंपनियाँ निर्माण का जिम्मा निभा रही हैं
- पहले चरण में 39.9 किमी (लागत: 820.40 करोड़)
- दूसरे चरण में 28 किमी (लागत: 716.50 करोड़)
दोनों कंपनियों ने साइट पर निर्माण शुरू कर दिया है और मशीनरी युद्धस्तर पर लगी हुई है।
⭐ क्या मिलेगा जनता को फायदा?
✔ जाम से राहत
नया मार्ग भीड़-भाड़ वाले रास्तों से अलग होकर बनाया जा रहा है, जिससे ट्रैफिक जाम से लगभग पूरी राहत मिलेगी।
✔ ईंधन और समय की बचत
दूरी कम होने और चौड़ी, निर्बाध सड़क से वाहनों की माइलेज बढ़ेगी।
✔ आर्थिक विकास
एक्सप्रेसवे बनने के बाद आगरा, अलीगढ़ और हाथरस जिलों में औद्योगिक और व्यावसायिक गतिविधियाँ तेज होंगी।
✔ पर्यावरण की सुरक्षा
ग्रीन एक्सप्रेसवे की अवधारणा के अनुसार पर्यावरणीय संतुलन को प्राथमिकता दी जा रही है; हरियाली को नुकसान नहीं होगा।
⭐ क्षेत्र के विकास की नई रफ्तार
66 गांवों को नई सड़क कनेक्टिविटी मिलने से किसानों, व्यापारियों और स्थानीय यात्रियों को बड़ा लाभ होगा। तेज रफ्तार एक्सप्रेसवे आगरा और अलीगढ़ को एक-दूसरे से पहले से कहीं अधिक नजदीक ले आएगा।