Thursday, November 20

बिहार से ट्रक भरकर भी नहीं मिलेंगी लड़कियां! ताऊ ने खाप पंचायत में खोला कड़वा सच

मुजफ्फरनगर/रामबाबू मित्तल। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के सोरम गांव में हुई सर्वजातीय सर्वखाप पंचायत में सामाजिक मुद्दों पर चर्चा के साथ-साथ लड़कियों की घटती संख्या पर चिंता भी व्यक्त की गई। पंचायत में पहुंचे एक बुज़ुर्ग ताऊ ने बेबाक अंदाज में कहा, “लड़कियां हैं ही नहीं, तो लड़कों की शादी कहां से हो जाएगी? अगर बिहार से एक ट्रक औरतें लाकर भी डाल दें, मिनटों में सब उठ जाएंगी।”

लड़कियों की कमी और समाज का संतुलन

ताऊ के मुताबिक, भ्रूण हत्या और बेटी को बोझ समझने वाली मानसिकता ने समाज को इस स्थिति में ला दिया है कि शादी और परिवार दोनों संकट में हैं। उन्होंने कहा कि जिन घरों में कभी बेटियों को हल्के में लिया गया, आज वही घर बहू के लिए दर-दर भटक रहे हैं।

परिवार और घर में अनुशासन की गिरावट

ताऊ ने यह भी कहा कि पहले बुज़ुर्गों की बात अंतिम निर्णय होती थी, लेकिन अब घरों में अनुशासन और मर्यादा कमजोर हो गई है। पंचायत में उनके ठेठ कौरवी अंदाज में कहे गए शब्दों ने उपस्थित लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया।

पंचायत में सामाजिक सुधारों के प्रस्ताव

सर्वखाप पंचायत में 11 महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किए गए, जिनमें लिव-इन पर रोक, नशाखोरी पर नियंत्रण, दहेज और मृत्युभोज जैसी कुप्रथाओं को खत्म करने का आह्वान शामिल था। लेकिन ताऊ के कड़े शब्दों ने यह स्पष्ट कर दिया कि समाज में बदलाव केवल नियमों और प्रस्तावों से नहीं आएगा, बल्कि मानसिकता और सोच बदलने से ही स्थायी परिवर्तन होगा।

विशेष: पंचायत से लौटते समय लोगों के कानों में ताऊ के शब्दों की गूंज सुनाई दे रही थी—”लड़कियों की कमी, गलत मानसिकता और गिरता पारिवारिक संतुलन, यही समाज का असली संकट है।”

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