
राजनांदगांव: मध्यप्रदेश के हॉक फोर्स के बहादुर इंस्पेक्टर आशीष शर्मा ने 19 नवंबर को छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में नक्सलियों के साथ संघर्ष में अपने प्राणों की आहुति दी। यह घटना तब हुई जब वे मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र की संयुक्त टीम के साथ जंगल में पेट्रोलिंग कर रहे थे। नक्सलियों ने अचानक फायरिंग की, जिसमें शर्मा गंभीर रूप से घायल हो गए और इलाज के दौरान उनका निधन हो गया।
सर्चिंग के दौरान हमला
यह मुठभेड़ राजनांदगांव के बेबर टोला बांध-कंगूरा मैदान और कुर्रेझरी के जंगल में चल रहे नक्सल विरोधी अभियान के दौरान हुई। सुबह करीब 8 बजे, जब फोर्स जंगल में सर्चिंग कर रही थी, तब नक्सलियों ने तीन-चार राउंड फायर किए। इस हमले में इंस्पेक्टर शर्मा को जांघ और कंधे में गोली लगी, और उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उन्होंने वीरगति प्राप्त की।
अदम्य साहस और वीरता
शहीद आशीष शर्मा मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले के निवासी थे। उन्होंने 2016 में विशेष सशस्त्र बल ज्वाइन किया और 2018 में हॉक फोर्स में शामिल हुए। अपनी बहादुरी और अदम्य साहस के लिए उन्हें दो बार भारत सरकार द्वारा वीरता पदक से सम्मानित किया गया था और दो बार आउट ऑफ टर्न प्रमोशन भी मिला था।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा, “आशीष शर्मा ने नक्सल उन्मूलन अभियान में सर्वोच्च बलिदान दिया। उनकी बहादुरी और साहस हमेशा हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत रहेगा। मेरी संवेदनाएं शोकाकुल परिवार के साथ हैं।”
राष्ट्रीय स्तर पर मिसाल
आशीष शर्मा का बलिदान न केवल मध्यप्रदेश, बल्कि पूरे देश में नक्सल उन्मूलन और सुरक्षा बलों की कर्तव्यनिष्ठा का प्रतीक है। उनका जीवन और वीरता आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनेगी।