Wednesday, November 19

धर्मांतरण विवाद: सरकारी स्कूल में शिक्षिका पर ईसाई धर्म अपनाने का दबाव डालने का आरोप, पुलिस जांच शुरू

छिंदवाड़ा: जिले के जुन्नारदेव क्षेत्र के बिलावर कला गांव स्थित एक सरकारी स्कूल में धर्मांतरण को लेकर गंभीर विवाद खड़ा हो गया है। कक्षा 10वीं और 12वीं के कई छात्रों ने शिक्षिका सीमा मैथ्यूज और छात्रावास अधीक्षक नरेंद्र उईके के खिलाफ थाना जुन्नारदेव में लिखित शिकायत दर्ज कराई है। छात्रों का आरोप है कि कक्षा में उन्हें बार-बार ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है और पारंपरिक आस्था-मान्यताओं से दूर रहने का दबाव बनाया जा रहा है।

कक्षा में ईसाई धर्म की बातें करने का आरोप

शिकायत के मुताबिक, शिक्षिका सीमा मैथ्यूज पढ़ाई के दौरान अक्सर ईसाई धर्म से जुड़ी बातें करती हैं और आदिवासी छात्रों को अपनी “पुरानी परंपरा” छोड़ देने की नसीहत देती हैं। छात्रों का कहना है कि यह सिलसिला लंबे समय से चल रहा था, लेकिन अब दबाव बढ़ने के कारण उन्होंने शिकायत करने का निर्णय लिया।

टीका-कलावा लगाने पर रोक, विरोध पर TC की धमकी

छात्रों ने पुलिस को बताया कि यदि कोई विद्यार्थी टीका या कलावा लगाकर स्कूल आता है, तो शिक्षिका उसे जबरन हटाने के लिए कहती हैं। कई छात्रों का दावा है कि मना करने पर उन्हें टीसी (स्थानांतरण प्रमाण पत्र) थमा देने की धमकी तक दी जाती है। इससे बच्चों में डर और असुरक्षा का माहौल बन गया है।

हिंदूवादी संगठनों ने की शिकायत, कार्रवाई की मांग

मामला सामने आने के बाद विश्व हिंदू परिषद और कन्हान बचाओ मंच भी सक्रिय हो गए हैं। विहिप के जिला मंत्री नितेश ‘गोलू’ सूर्यवंशी का कहना है कि छात्रों की शिकायत के बाद मामले की जानकारी विभागीय अधिकारियों को दी गई है। संगठनों ने शिक्षिका के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग करते हुए कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है।

पुलिस ने छात्रों के बयान दर्ज किए, जांच जारी

नगर निरीक्षक राकेश सिंह बघेल के अनुसार, आरोप गंभीर होने के कारण मामले की प्राथमिकता से जांच की जा रही है। पुलिस ने छात्रों के बयान दर्ज कर लिए हैं और सबूतों की तलाश जारी है। जांच पूरी होने के बाद रिपोर्ट वरिष्ठ अधिकारियों को सौंपकर आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।

अभिभावकों में नाराजगी, स्कूल में निष्पक्ष माहौल की मांग

घटना के बाद स्थानीय लोगों और अभिभावकों में नाराजगी है। उनका कहना है कि बच्चों की आस्था या परंपरा से खिलवाड़ किसी भी परिस्थिति में स्वीकार नहीं किया जा सकता। वे चाहते हैं कि स्कूल वातावरण पूरी तरह सुरक्षित, तटस्थ और शिक्षा-केंद्रित रहे।

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