Saturday, November 15

काला जादू, तंत्र-मंत्र और अंडे का बवाल: बेंगलुरु में दो पड़ोसियों के बीच खूनी संघर्ष, मामला थाने पहुंचा

बेंगलुरु: कर्नाटक की आईटी सिटी बेंगलुरु में अंधविश्वास के चलते एक अंडे ने दो पड़ोसियों के बीच ऐसा बवाल मचाया कि मामला खूनी संघर्ष में बदल गया। यह घटना 11 नवंबर को बेंगलुरु के अवलाहल्ली इलाके की है, जब काला जादू, तंत्र-मंत्र और नजर उतारने के आरोपों ने एक साधारण विवाद को इतना बढ़ा दिया कि सड़क पर मारपीट हुई और दोनों पक्षों को इलाज के लिए क्लिनिक में भर्ती कराया गया।

कैसे शुरू हुआ विवाद?

घटना की शुरुआत एक अंडे से हुई। 51 वर्षीय गीता शंकर की पोती बीमार हो गई थी और गिरकर चोटिल हो गई थी। किसी ने उन्हें बताया कि बच्ची को बुरी नजर लगी है, जिसके बाद गीता ने अपनी पोती की नजर उतारने के लिए एक पारंपरिक अनुष्ठान किया। उन्होंने सुबह करीब 10 से 10:30 बजे बच्ची के सिर पर अंडा रखा और फिर उसे अपने घर के पास स्थित एक तिराहे पर फेंक दिया।

पड़ोसी से हुआ टकराव

जैसे ही गीता शंकर अंडा फेंककर घर लौट रही थीं, उनके एक पड़ोसी, हनुमंतय्या बी ने उन्हें रास्ते में रोक लिया और अंडा फेंकने के कारण के बारे में पूछा। गीता ने उन्हें बताया कि यह एक रस्म थी, जिसे उन्होंने अपनी पोती की नजर उतारने के लिए किया था।

हालांकि, हनुमंतय्या इस पर गुस्से में आ गए और गीता से झगड़ने लगे। गीता का आरोप है कि हनुमंतय्या ने उन्हें चप्पल से पीटा, और जब उनके पति शंकर उन्हें बचाने दौड़े, तो हनुमंतय्या ने अपने परिवार के साथ मिलकर उन्हें भी पीटा।

सड़क पर हुआ जमकर मारपीट

घटना की सूचना पर गीता का परिवार भी मौके पर पहुंचा और दोनों पक्षों में सड़क पर जमकर मारपीट हुई। इस मारपीट में दोनों परिवारों को चोटें आईं, जिसके बाद उन्हें पास के क्लिनिक में इलाज कराना पड़ा। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है।

हनुमंतय्या का आरोप

हनुमंतय्या ने आरोप लगाया कि गीता शंकर अक्सर उनके घर के सामने अंडे तोड़ती हैं और काला जादू करती हैं। उन्होंने कहा कि गीता तंत्र-मंत्र से अपने घर में अजीब चीजें डाल देती हैं, जिससे उनके घर में लोग बीमार पड़ने लगे हैं। हनुमंतय्या ने यह भी दावा किया कि उन्होंने कई बार गीता से इस तरह की हरकतें बंद करने को कहा, लेकिन वह नहीं मानीं।

पुलिस जांच में जुटी

पुलिस ने इस मामले में दोनों पक्षों की शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर ली है और मामले की जांच शुरू कर दी है। अब देखना यह होगा कि पुलिस इस अजीबोगरीब विवाद में क्या कार्रवाई करती है और इस अंधविश्वास के मामले में आगे किस तरह का निर्णय लिया जाता है।

यह घटना एक बार फिर यह साबित करती है कि अंधविश्वास और तंत्र-मंत्र के मामलों में अक्सर सामान्य विवाद भी बड़े संघर्ष का रूप ले सकते हैं।

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