
नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता लगातार खराब होती जा रही है और स्थिति बेहद गंभीर हो गई है। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को इस पर गहरी चिंता जताई और कहा कि यहां का प्रदूषण इतना गंभीर है कि मास्क भी पर्याप्त नहीं हैं।
सुप्रीम कोर्ट की प्रतिक्रिया
- न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा ने सुनवाई के दौरान कहा कि दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर बहुत खतरनाक है और इस स्थिति से स्थायी स्वास्थ्य नुकसान हो सकता है।
- न्यायाधीश ने वकीलों से वर्चुअल माध्यम से सुनवाई में शामिल होने का आग्रह किया, क्योंकि प्रदूषण के कारण अदालत में उपस्थित होना स्वास्थ्य के लिए जोखिमपूर्ण है।
- वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने बताया कि वे मास्क पहने हुए हैं, लेकिन न्यायमूर्ति ने स्पष्ट किया कि मास्क पर्याप्त नहीं होगा। उन्होंने कहा कि वे इस मुद्दे पर चीफ जस्टिस से भी चर्चा करेंगे।
दिल्ली में वायु गुणवत्ता के आंकड़े
- दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) लगातार तीसरे दिन ‘गंभीर’ श्रेणी में बना हुआ है।
- केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, कुछ प्रमुख स्थानों पर AQI स्तर:
- बवाना: 460
- चांदनी चौक: 455
- आईटीओ: 438
- आनंद विहार: 431
- नॉर्थ कैंपस, डीयू: 414
- रोहिणी: 447
- द्वारका सेक्टर 8: 400
- ‘गंभीर’ श्रेणी का AQI स्वस्थ लोगों के लिए भी स्वास्थ्य जोखिम पैदा करता है और श्वसन तथा हृदय संबंधी समस्याओं को तेजी से बढ़ा सकता है।
- शहर में घनी धुंध और प्रदूषण के कारण इमारतें और सड़कें मुश्किल से दिखाई दे रही हैं।
विशेष संदेश:
सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि प्रदूषण के इस स्तर पर सावधानी अत्यंत आवश्यक है। जनता को सलाह दी गई है कि घर के अंदर रहें, वायु शुद्धिकरण युक्त उपकरणों का उपयोग करें और अनावश्यक रूप से बाहर निकलने से बचें।