Wednesday, December 3

वैश्विक आतंकी नेटवर्क ISKP में शामली का आजाद, ऑपरेशन सिंदूर का बदला लेने की साजिश

शामली, संवाददाता: अहमदाबाद में गिरफ्तार हुए शामली निवासी आजाद अहमद की जांच ने सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा दी है। शुरुआती पूछताछ और डिजिटल साक्ष्यों से पता चला है कि आजाद वैश्विक आतंकी नेटवर्क इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत (ISKP) के संपर्क में था।

अंतरराष्ट्रीय संपर्क:
एजेंसियों के अनुसार आजाद और उसका सहयोगी हैदराबाद निवासी अहमद अफगानिस्तान में सक्रिय ISKP के कुख्यात आतंकी अबू खदीजा से जुड़े थे। यह पहली बार है जब शामली जिले का नाम सीधे अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन ISKP से जुड़ता दिखाई दे रहा है।

ऑपरेशन सिंदूर का बदला:
सुरक्षा सूत्रों का कहना है कि आजाद उसी रणनीति का हिस्सा था, जो ऑपरेशन सिंदूर के दौरान की गई बड़ी कार्रवाई का बदला लेने के लिए तैयार की जा रही थी। इस गिरोह का मकसद वेस्ट यूपी, दिल्ली और आस-पास के इलाकों में अपनी जड़ें मजबूत करना था।

कोलकाता में 40 दिन की जमात:
आजाद पिछले छह साल से बुढ़ाना के मदरसे में दीनी तालीम ले रहा था। उसके पिता सुलेमान ने बताया कि हाल ही में वह 40 दिन की जमात पर दिल्ली से कोलकाता गया था। एजेंसियां इस जमात में शामिल अन्य लोगों और उनके संपर्कों की भी जांच कर रही हैं।

ISKP का परिचय:
सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, ISKP की स्थापना 2015 में अफगानिस्तान-पाकिस्तान बॉर्डर पर हुई थी। यह संगठन सीधे ISIS की दक्षिण एशियाई शाखा है और दक्षिण-मध्य एशिया में इस्लामिक खलीफा का विस्तार करना चाहता है। संगठन की विचारधारा देवबंदी और कट्टर इस्लामिक सोच पर आधारित है, जो पाकिस्तान और कश्मीर के मुद्दों को भड़काकर भारत में अस्थिरता फैलाने का काम करता है।

शामली आतंक के मानचित्र पर:
पिछले वर्षों में कैराना के इकबाल काना और दिलशाद मिर्जा जैसे लोग पाकिस्तान जाकर ISI से जुड़े। अब शामली का नाम फिर से आतंक के मानचित्र पर उभर रहा है। आईएसकेपी के आतंकी मोहम्मद तंजीम और उसके समर्थक भारत में ऑपरेशन सिंदूर का बदला लेने की योजना बना रहे थे। आजाद अहमद को प्रशिक्षित किया गया ताकि वह वेस्ट यूपी में संगठन की जड़ें मजबूत कर सके।

जांच जारी:
फिलहाल एटीएस, एनआईए और इंटेलिजेंस ब्यूरो की संयुक्त टीम पूरे मामले की जांच में जुटी हुई है और सभी पहलुओं की बारीकी से पड़ताल कर रही है।

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