
कोलकाता: कलकत्ता हाई कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में 32,000 प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्तियों को रद्द करने वाले सिंगल बेंच के आदेश को खारिज कर दिया। जस्टिस तपब्रत चक्रवर्ती और रीतोब्रतो कुमार मित्रा की डिवीजन बेंच ने कहा कि कुछ नियुक्तियों में अनियमितताएं हो सकती हैं, लेकिन इसे पूरे समूह की नौकरियां रद्द करने का कारण नहीं बनाया जा सकता।
कोर्ट ने विशेष रूप से कहा कि नौ साल की सेवा के बाद इन शिक्षकों की नौकरी समाप्त करने से न केवल शिक्षकों बल्कि उनके परिवारों पर भी गंभीर प्रभाव पड़ेगा। हाई कोर्ट ने यह भी उल्लेख किया कि सीबीआई ने केवल 360 नियुक्तियों में ही अनियमितताओं की पुष्टि की थी, इसलिए पूरी भर्ती प्रक्रिया को रद्द नहीं किया जा सकता।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने फैसले पर खुशी जताते हुए कहा, “टीचरों और उनके परिवारों को राहत मिली है। यह बहुत सुखद समाचार है।”
पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री ब्रत्यु बसु ने भी हाई कोर्ट के फैसले की सराहना की और कहा कि सच्चाई की जीत हुई है। उन्होंने शिक्षकों और राज्य प्राथमिक शिक्षा बोर्ड को बधाई दी और कहा कि उनकी नौकरियां पूरी तरह सुरक्षित हैं।
यह फैसला 2014 की शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के माध्यम से भर्तियों से जुड़ा मामला था, जिसे तत्कालीन सिंगल बेंच ने 12 मई 2023 को रद्द कर दिया था। अब हाई कोर्ट के इस निर्णय के बाद 32,000 शिक्षकों के भविष्य पर छाया खतरा दूर हो गया है।