Wednesday, December 3

एमपी में फर्जीवाड़ा खुला: फेक डिग्री-डिप्लोमा से बने सरकारी शिक्षक, STF ने 8 गिरफ्तार

भोपाल: मध्य प्रदेश के शिक्षा विभाग में फर्जी डिग्री-डिप्लोमा के आधार पर सरकारी शिक्षक बनने का बड़ा मामला सामने आया है। ग्वालियर की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने फर्जी टीचर गैंग का पर्दाफाश किया और 8 शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। वहीं, अन्य 26 संदिग्धों की जांच जारी है।

फर्जी टीचर गैंग का खुलासा
मध्य प्रदेश एसटीएफ को सूचना मिली थी कि प्रदेश के कई जिलों में नकली डीएड (डिप्लोमा इन एजुकेशन) अंकसूचियों का उपयोग कर शिक्षक पदों पर नियुक्तियां की गई हैं। जांच में पता चला कि इन दस्तावेजों का संबंध किसी भी शिक्षा बोर्ड द्वारा जारी वास्तविक कागजातों से नहीं था। कुछ अंकसूचियां पहले से ही किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर जारी हो चुकी थीं।

एसटीएफ की कार्रवाई
एसटीएफ की ग्वालियर इकाई ने गोपनीय जांच के बाद 8 शिक्षकों को गिरफ्तार किया, जिनके फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर नौकरी ली गई थी। इनके नाम हैं:

  • लोकेंद्र सिंह
  • रूबी कुशवाह
  • रविन्द्र सिंह राणा
  • अर्जुन सिंह चौहान
  • गंधर्व सिंह रावत
  • साहब सिंह कुशवाह
  • बृजेश रोरिया
  • महेन्द्र सिंह रावत

शिक्षा विभाग में हड़कंप
एसटीएफ की इस कार्रवाई से शिक्षा विभाग में हलचल मच गई है। अधिकारियों ने कहा कि यह मामला संगठित फर्जीवाड़े का हिस्सा प्रतीत होता है। डीजीपी कैलाश मकवाणा ने प्रदेश में शिक्षा से जुड़े फर्जीवाड़ों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

एसटीएफ अब अन्य 26 संदिग्धों की जांच कर रही है और शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों को सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है।

सरकारी भर्ती में सुरक्षा का सवाल
विशेषज्ञों का कहना है कि इस प्रकार के फर्जीवाड़े से सरकारी भर्ती की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठता है। शिक्षा विभाग को सभी शिक्षक नियुक्तियों के दस्तावेजों की कड़ी समीक्षा करनी होगी।

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