Tuesday, December 30

जयपुर के ऐतिहासिक स्मारक देखना हुआ महंगा नए साल से आमेर किला, हवामहल, अल्बर्ट हॉल समेत सभी प्रमुख स्थलों की टिकट दरें बढ़ीं

 

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नए साल की शुरुआत के साथ ही गुलाबी नगरी जयपुर आने वाले पर्यटकों को बड़ा झटका लगा है। राजस्थान के पुरातत्व विभाग ने प्रदेश के प्रमुख ऐतिहासिक स्मारकों की टिकट दरों में भारी बढ़ोतरी कर दी है। 1 जनवरी से लागू होने वाली नई दरों के तहत आमेर किला, हवामहल, जंतर-मंतर, अल्बर्ट हॉल, नाहरगढ़ और ईसरलाट सहित लगभग सभी प्रमुख पर्यटन स्थलों पर प्रवेश के लिए अब पहले से कहीं ज्यादा शुल्क देना होगा।

 

पुरातत्व विभाग की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार टिकट दरों में दो से तीन गुना तक इजाफा किया गया है। बढ़ी हुई दरें घरेलू और विदेशी पर्यटकों के साथ-साथ छात्रों पर भी लागू होंगी। इसके अलावा कंपोजिट टिकट की कीमतों में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी की गई है।

 

दस साल बाद बढ़ीं दरें

अधिकारियों का कहना है कि स्मारकों की टिकट दरों में यह वृद्धि करीब दस साल बाद की गई है। विभाग के अनुसार स्मारकों के रखरखाव, सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने और पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए शुल्क में संशोधन जरूरी हो गया था।

 

नई टिकट दरें इस प्रकार हैं

आमेर किला देखने के लिए अब देसी पर्यटकों को 200 रुपये, विदेशी पर्यटकों को 1000 रुपये, जबकि भारतीय छात्रों को 50 रुपये और विदेशी छात्रों को 500 रुपये चुकाने होंगे।

अल्बर्ट हॉल, हवामहल, नाहरगढ़ और जंतर-मंतर के लिए देसी पर्यटकों का टिकट 100 रुपये और विदेशी पर्यटकों का 600 रुपये तय किया गया है।

ईसरलाट के लिए यह शुल्क क्रमशः 50 रुपये और 200 रुपये होगा।

 

वहीं, कई स्मारकों को कवर करने वाला कंपोजिट टिकट अब देसी पर्यटकों के लिए 550 रुपये और विदेशी पर्यटकों के लिए 1700 रुपये में मिलेगा। छात्रों के लिए भी कंपोजिट टिकट महंगा किया गया है।

 

10 दिन तक मान्य रहेगा कंपोजिट टिकट

नई व्यवस्था के तहत कंपोजिट टिकट की वैधता बढ़ाकर 10 दिन कर दी गई है। इससे पर्यटक एक ही टिकट पर कई स्मारकों का भ्रमण कर सकेंगे, हालांकि इसके लिए उन्हें पहले की तुलना में अधिक भुगतान करना होगा।

 

पर्यटन पर पड़ सकता है असर

पर्यटन विशेषज्ञों का मानना है कि टिकट दरों में अचानक हुई इस बढ़ोतरी का असर पर्यटन सीजन के दौरान देखने को मिल सकता है, खासकर घरेलू पर्यटकों और छात्रों की संख्या पर। हालांकि पुरातत्व विभाग का दावा है कि बेहतर सुविधाओं और संरक्षण कार्यों के चलते पर्यटकों की संख्या में ज्यादा गिरावट नहीं आएगी।

 

जयपुर के शानदार किलों और ऐतिहासिक धरोहरों का दीदार अब पहले से महंगा जरूर हो गया है, लेकिन विभाग का कहना है कि इससे स्मारकों का संरक्षण और पर्यटन अनुभव और बेहतर बनाया जा सकेगा।

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