Monday, December 29

डेस्टिनेशन वेडिंग पर रोक, गुरुद्वारों में ही होगा आनंद कारज अकाल तख्त की बैठक में सिख संगत से जुड़े कई अहम फैसले

 

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श्री अकाल तख्त साहिब पर रविवार को आयोजित पांच सिंह साहिबानों की संयुक्त बैठक में सिख मर्यादाओं, धार्मिक परंपराओं और समकालीन चुनौतियों से जुड़े कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। वर्ष 2025 की अंतिम बैठक में लिए गए ये फैसले सीधे तौर पर सिख संगत को प्रभावित करने वाले हैं।

 

अकाल तख्त साहिब के कार्यकारी जत्थेदार कुलदीप सिंह गड़गज ने जानकारी देते हुए कहा कि आनंद कारज अब केवल गुरुद्वारों में ही संपन्न होगा। होटल, पार्क, रिसॉर्ट, डेस्टिनेशन वेडिंग स्थल या किसी भी व्यावसायिक स्थान पर आनंद कारज कराने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। साथ ही, श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के पावन स्वरूप को विवाह स्थलों पर ले जाने की अनुमति नहीं होगी। पावन स्वरूपों से जुड़े मामलों में किसी भी राजनीतिक दल के हस्तक्षेप को अस्वीकार्य बताया गया है।

 

सिख गुरुओं पर AI आधारित फिल्मों और वीडियो पर रोक

 

बैठक में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के माध्यम से सिख गुरुओं और धार्मिक विषयों पर फिल्में अथवा वीडियो बनाने पर भी स्पष्ट रोक लगा दी गई। जत्थेदार ने कहा कि आधुनिक तकनीक के नाम पर ऐसी रचनाएं सिख मर्यादाओं और धार्मिक परंपराओं को नुकसान पहुंचा सकती हैं, इसलिए इन्हें स्वीकार नहीं किया जाएगा।

 

पंजाब पुलिस के रवैये पर कड़ा ऐतराज

 

अकाल तख्त साहिब ने पंजाब पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर चिंता जताई। जत्थेदार कुलदीप सिंह गड़गज ने आरोप लगाया कि सोशल मीडिया पर सिखों के खिलाफ नफरत फैलाने वालों पर पुलिस कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रही, जबकि निहंग वेशधारी सिखों के खिलाफ छोटी-छोटी बातों पर एफआईआर दर्ज की जा रही हैं।

 

उन्होंने बताया कि श्री अकाल तख्त साहिब और सचखंड श्री हरिमंदर साहिब प्रबंधन की ओर से सिख विरोधी प्रचार से संबंधित कई शिकायतें पंजाब पुलिस को दी गईं, लेकिन अब तक किसी भी दोषी के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई।

 

फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट्स पर चिंता

 

जत्थेदार ने कहा कि शरारती तत्व फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट बनाकर सिख समुदाय के विरुद्ध नफरत फैला रहे हैं, लेकिन पुलिस न तो ऐसे अकाउंट बंद करवा पा रही है और न ही आरोपियों की गिरफ्तारी कर रही है। इसके विपरीत, निहंग वेश में एक सिख द्वारा खिलौना बंदूक दिखाने तक पर मामला दर्ज कर लिया जाता है, जो दोहरे मापदंड को दर्शाता है।

 

पंजाब सरकार से शिकायत

 

अकाल तख्त साहिब ने पंजाब सरकार द्वारा की गई कुछ कानूनी कार्रवाइयों पर भी सवाल उठाए। जत्थेदार ने कहा कि सरकार सरदार ईश्वर सिंह जांच आयोग की रिपोर्ट का हवाला देकर कार्रवाई को सही ठहरा रही है, जबकि उसी रिपोर्ट के पृष्ठ संख्या 230 पर स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि पावन स्वरूपों से जुड़े मामलों को केवल सरकारी कानून या पुलिस थानों के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता।

 

अकाल तख्त की इस बैठक में लिए गए फैसलों को सिख परंपराओं की रक्षा और धार्मिक मर्यादा को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

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