
मध्य प्रदेश में आयुष्मान भारत योजना के नाम पर सरकारी खजाने में सेंध लगाने वाले निजी अस्पतालों पर बड़ी कार्रवाई की गई है। ‘दक्ष आयुष्मान’ मॉडल के तहत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग कर किए गए खुलासे में कई गंभीर अनियमितताएं सामने आईं।
जांच में यह तथ्य सामने आया कि कई अस्पताल भौतिक रूप से बंद होने के बावजूद पोर्टल पर सक्रिय थे और सरकार से लगातार फर्जी क्लेम वसूल रहे थे। कई अस्पतालों में डॉक्टर केवल कागजों पर तैनात थे और मरीजों को बिना आवश्यकता आईसीयू में दिखाकर सरकारी धन की हेराफेरी की जा रही थी।
भोपाल के 9 अस्पतालों पर कार्रवाई:
सरकार ने इन गंभीर अनियमितताओं के चलते तत्काल प्रभाव से निम्नलिखित अस्पतालों को सस्पेंड कर दिया है:
- अभिश्री हॉस्पिटल
- एविसेना मल्टीस्पेशलिटी
- आयुष हॉस्पिटल
- कम्युनिटी वैल्यू स्पेशलिटी
- दृष्टि आई केयर
- करोंद मल्टीस्पेशलिटी
- मैक्स मल्टीस्पेशलिटी
- मुस्कान चिल्ड्रन हॉस्पिटल
- भोपाल टेस्ट ट्यूब बेबी सेंटर
जांच में सामने आई मुख्य खामियां:
17 अस्पतालों के पास वैध दस्तावेज तक नहीं थे।
8 अस्पतालों में इलाज के लिए आवश्यक बेड और मशीनों की कमी पाई गई।
अधिकांश केंद्रों पर फायर एनओसी समाप्त हो चुकी थी।
कई अस्पतालों में भारी गंदगी और साफ-सफाई की कमी मिली।
स्टेट हेल्थ एजेंसी ने कहा कि फर्जी क्लेम और अनियमितताओं की जांच के लिए FIR की तैयारी चल रही है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
निष्कर्ष:
आयुष्मान योजना के तहत सरकारी धन का दुरुपयोग उजागर होने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि इस प्रकार की धोखाधड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी और सिस्टम में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए AI आधारित निगरानी को और मजबूत किया जाएगा।