
उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में पुलिस कस्टडी से फरार हुए एक लाख रुपये के इनामी बदमाश को 13 साल बाद गिरफ्तार कर लिया गया है। इस गिरफ्तारी के साथ ही वर्ष 2012 में हुए उस सनसनीखेज कांड की परतें एक बार फिर खुल गई हैं, जिसने उस समय पूरे प्रदेश में हड़कंप मचा दिया था।
आरोपी संदीप मिश्रा (49), निवासी ग्राम खोह, जनपद चित्रकूट, हत्या के मामले में मंडल कारागार बांदा में बंद था। 8 अगस्त 2012 को जब पुलिस 13 बंदियों को पेशी के लिए चित्रकूट न्यायालय ले जा रही थी, तभी अतर्रा थाना क्षेत्र के गड़रा नाले के मोड़ पर कैदी वाहन में बैठे बंदियों ने अचानक हमला कर दिया।
मिर्ची पाउडर, राइफल लूटी और फरारी
आरोप है कि बंदियों ने एक पुलिसकर्मी की आंखों में मिर्ची पाउडर डालकर उसकी राइफल छीन ली और उसी राइफल से फायरिंग करते हुए संदीप मिश्रा सहित 13 कैदी फरार हो गए। इस घटना के बाद प्रदेशभर में पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठे थे।
एसटीएफ और स्थानीय पुलिस ने 2015 तक अन्य 12 फरार बंदियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया, लेकिन मुख्य आरोपी संदीप मिश्रा लगातार पुलिस को चकमा देता रहा। उसकी गिरफ्तारी के लिए एडीजी जोन स्तर से एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था। इस मामले में थाना अतर्रा में गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था।
13 साल बाद मुठभेड़ में गिरफ्तारी
शुक्रवार को थाना मटौंध पुलिस और एसओजी की संयुक्त टीम भूरागढ़ बाईपास क्षेत्र में वाहन चेकिंग कर रही थी। इसी दौरान मुखबिर से सूचना मिली कि सोना खदान के पास एक संदिग्ध व्यक्ति हथियार के साथ मौजूद है। पुलिस ने घेराबंदी की तो आरोपी ने जान से मारने की नीयत से फायरिंग शुरू कर दी।
पुलिस की जवाबी कार्रवाई में आरोपी के पैर में गोली लगी और वह घायल हो गया। उसे तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने उसकी हालत खतरे से बाहर बताई है।
भेष बदलकर छिपता रहा आरोपी
अपर पुलिस अधीक्षक शिवराज ने बताया कि आरोपी लंबे समय से भेष बदलकर अलग-अलग जगहों पर रह रहा था। उसकी गिरफ्तारी के लिए पिछले छह महीनों से एसटीएफ, मटौंध पुलिस और सहायक पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में विशेष अभियान चलाया जा रहा था।
गिरफ्तारी के बाद आरोपी ने खुलासा किया कि वह किन-किन स्थानों पर छिपा रहा और कैसे पुलिस की पकड़ से बचता रहा।