
उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर में अंडा व्यवसायी संतराम अग्रहरि हत्याकांड ने एक बार फिर तूल पकड़ लिया है। इस मामले में दोस्तपुर थाना प्रभारी का एक कथित ऑडियो वायरल हुआ है, जिसमें वह पीड़ित परिवार से अभद्र भाषा में बात करते और आरोपियों की गिरफ्तारी से साफ इनकार करते सुनाई दे रहे हैं। ऑडियो में इंस्पेक्टर का यह कहना— “हम क्या करें, जाकर गोली मार दें?”—अब पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है।
फरार आरोपी, पुलिस पर संरक्षण के आरोप
इस हत्याकांड के मुख्य साजिशकर्ता बताए जा रहे भाजपा नेता अर्जुन पटेल और उनके भाई प्रदीप पटेल घटना के एक साल बाद भी फरार हैं। पीड़ित परिवार का आरोप है कि दोस्तपुर पुलिस दोनों को खुला संरक्षण दे रही है।
फोन पर फटकार, गिरफ्तारी से इनकार
पीड़ित व्यापारी के बेटे ने जब फरार आरोपी प्रदीप पटेल के घर पहुंचने की सूचना थाना प्रभारी को दी, तो जवाब में इंस्पेक्टर ने कहा कि अब गिरफ्तारी तभी होगी, जब न्यायालय से आदेश मिलेगा, क्योंकि चार्जशीट दाखिल हो चुकी है। वायरल ऑडियो में इंस्पेक्टर पीड़ित को कानून न सिखाने की नसीहत देते और कठोर शब्दों का प्रयोग करते सुनाई दे रहे हैं।
कोर्ट के आदेश के बावजूद कार्रवाई नहीं
इस मामले में—
13 नवंबर 2024 को गैर-जमानती वारंट
23 जनवरी 2025 को कुर्की का आदेश
जारी किया जा चुका है।
यहां तक कि इलाहाबाद हाईकोर्ट से भी आरोपियों की याचिका खारिज हो चुकी है, इसके बावजूद गिरफ्तारी और कुर्की की ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी है।
अब तक कुर्की नहीं
आईजीआरएस पर की गई शिकायत के जवाब में पुलिस ने संपत्ति का ब्योरा जुटाने की बात कही, लेकिन जमीनी स्तर पर कुर्की की कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इससे पुलिस की मंशा पर सवाल उठ रहे हैं।
अक्टूबर 2024 में हुई थी हत्या
8 अक्टूबर 2024 को गोसैसिंहपुर गांव में अंडा कारोबारी संतराम अग्रहरि की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मृतक के बेटे की तहरीर पर कई नामजद और अज्ञात आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज हुआ था। जांच के दौरान आरोपियों की सूची और बढ़ती गई।
मंत्री का आश्वासन भी बेअसर
प्रदेश सरकार के मंत्री नंद गोपाल नंदी पीड़ित परिवार से मिलकर न्याय का भरोसा जता चुके हैं, लेकिन परिवार का कहना है कि अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। वहीं, सीओ कादीपुर विनय गौतम का कहना है कि चार्जशीट दाखिल हो चुकी है और आगे की कार्रवाई कोर्ट के आदेश पर निर्भर है।