
जयपुर: राजस्थान हाउसिंग बोर्ड के एक हालिया फैसले ने चर्चा का तूल पकड़ लिया है। बोर्ड ने आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अधिकारियों के लिए एआईएस फेज थ्री आवासीय योजना में प्रशासनिक शुल्क 10% से घटाकर 5% कर दिया है। इस छूट से अफसरों को लगभग 9 लाख रुपये तक का लाभ होने वाला है।
फैसले पर सवाल
हालांकि, इस निर्णय को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि गरीब और मध्यम वर्ग (EWS, LIG, MIG) के लिए ऐसी कोई राहत क्यों नहीं दी गई। आम जनता का कहना है कि लाखों रुपए सैलरी पाने वाले अफसरों पर मेहरबानी दिखाई गई, जबकि वे लोग जो वास्तव में आर्थिक रूप से कमजोर हैं, उन्हें कोई फायदा नहीं मिला।
योजना की कीमत और लाभ
इस योजना के तहत बन रहे फ्लैट्स की कीमत 1.53 करोड़ से 1.84 करोड़ रुपए के बीच है। प्रशासनिक शुल्क में मिली 5% की छूट से प्रत्येक अफसर को लगभग 9 लाख रुपए का सीधा लाभ मिलेगा।
हाउसिंग बोर्ड की भूमिका
राजस्थान हाउसिंग बोर्ड राज्य सरकार का एक अहम बोर्ड है, जो प्रदेश के विभिन्न इलाकों में आवासीय और व्यावसायिक क्षेत्र विकसित करता है। बोर्ड की योजनाओं में भूखंड, मकान और फ्लैट्स शामिल हैं। इनका आवंटन अक्सर नीलामी या लॉटरी के माध्यम से किया जाता है।
आमजन में असंतोष
बोर्ड के इस फैसले ने आम जनता में संतोष की बजाय असंतोष पैदा किया है। लोग सवाल कर रहे हैं कि जब गरीब और मध्यम वर्ग की योजनाओं में आर्थिक छूट नहीं दी जाती, तो सिर्फ उच्च वेतन पाने वाले अधिकारियों को लाभ क्यों? इस मुद्दे पर सोशल मीडिया और जनता के बीच बहस तेज हो गई है।