
इंदौर: मध्य प्रदेश के शहरी प्रशासन मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय एक बार फिर अपने विवादित बयानों के कारण सुर्खियों में आ गए हैं। सागर जिले के बीना कस्बे में एक क्रिकेट टूर्नामेंट के उद्घाटन कार्यक्रम में उन्होंने ताजमहल को मंदिर बताते हुए कहा कि इसे मुगल बादशाह शाहजहां ने मकबरे में तब्दील किया। इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है और सोशल मीडिया पर भी इसकी तीखी बहस शुरू हो गई है।
विजयवर्गीय के समर्थक इसे ऐतिहासिक व्याख्या मान रहे हैं, जबकि आलोचक इसे भड़काऊ और भ्रामक बता रहे हैं। मंत्री ने यह भी दावा किया कि मुमताज महल पहले बुरहानपुर में दफन थीं और बाद में उन्हें उस जगह ले जाया गया, जहां ताजमहल का निर्माण हुआ।
इसी कार्यक्रम में उन्होंने बिहारियों पर भी विवादास्पद टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि बिहार के लोगों का विनम्र होना जरूरी नहीं है, लेकिन भाजपा के राष्ट्रीय कार्यवाहक अध्यक्ष नितिन नवीन ने विनम्रता के माध्यम से तरक्की की है। इस बयान पर सोशल मीडिया पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं।
विगत दिनों विजयवर्गीय ने इंदौर में दो ऑस्ट्रेलियाई महिला क्रिकेटरों के कथित उत्पीड़न पर भी टिप्पणी की थी। तब उन्होंने कहा था कि खिलाड़ियों को ‘सबक सीखना चाहिए’ और गतिविधियों के बारे में स्थानीय अधिकारियों को सूचित करने में सतर्क रहना चाहिए। आलोचकों का मानना है कि इस बयान ने पुलिस की विफलता और पीड़ित सुरक्षा जैसे अहम मुद्दों से ध्यान हटाने का काम किया।
कांग्रेस ने साधा निशाना: कांग्रेस प्रवक्ता भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि भाजपा मंत्री ‘सीमाएं’ लांघ रहे हैं और जनता में भ्रम पैदा कर रहे हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि ऐसे नेताओं को नई इतिहास की किताब लिखनी चाहिए, जिसमें उनके बयानों की श्रृंखला दर्ज हो।
कैलाश विजयवर्गीय का विवादित बयानों से पुराना नाता है। पिछले कुछ वर्षों में उन्होंने महिलाओं के कपड़ों, सेल्फी, राहुल-प्रियंका गांधी पर टिप्पणी और धार्मिक मुद्दों पर बयान देकर अक्सर सार्वजनिक बहस का केंद्र बने हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे बयान राजनीतिक और सामाजिक संवेदनाओं को भड़काने का काम करते हैं और सार्वजनिक बहस में कई बार भ्रम की स्थिति पैदा करते हैं।