
गयाजी। केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्री जीतनराम मांझी ने दक्षिण बिहार की दशकों पुरानी सुखाड़ समस्या को समाप्त करने के लिए एक बार फिर बड़ा विजन सामने रखा है। बोधगया में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि यदि सोन नदी का पानी फल्गु और निरंजना नदी तक पहुंचाया जाए, तो पूरे मगध क्षेत्र की तस्वीर बदल सकती है। मांझी ने भावुक लहजे में कहा कि गया के विकास के लिए वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से विशेष आग्रह करेंगे और जरूरत पड़ी तो उनके “पैर पकड़ने” से भी पीछे नहीं हटेंगे।
100 करोड़ की योजना, जो रह गई अधूरी
मांझी ने बताया कि अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान उन्होंने सोन-निरंजना लिंक परियोजना के लिए करीब 100 करोड़ रुपये स्वीकृत किए थे। उस समय अधिकारियों और मंत्रियों द्वारा स्थल निरीक्षण भी किया गया था, लेकिन सत्ता परिवर्तन के बाद यह महत्वाकांक्षी योजना ठंडे बस्ते में चली गई। उन्होंने कहा कि बिथोशरीफ क्षेत्र में बांध बनाकर नहरों के माध्यम से बेलागंज, मखदुमपुर, जहानाबाद, अतरी, लखीसराय होते हुए मोकामा तक सिंचाई की अपार संभावनाएं हैं। इससे न केवल खेती को नया जीवन मिलेगा, बल्कि क्षेत्र में हरियाली लौटेगी।
गया में ‘मरीन ड्राइव’ का संकल्प
विकास की अपनी कार्ययोजना साझा करते हुए मांझी ने कहा कि पटना की तर्ज पर गया में भी ‘मरीन ड्राइव’ विकसित किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि गया जी का समग्र विकास उनका मुख्य लक्ष्य है और इसके लिए वे शीघ्र ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात कर विस्तृत चर्चा करेंगे। मांझी ने गया को अंतरराष्ट्रीय स्तर का पर्यटन और विकास केंद्र बनाने की प्रतिबद्धता दोहराई।
निवेश और उद्योग पर जोर
कार्यक्रम में मौजूद बिहार सरकार के ग्रामीण कार्य मंत्री डॉ. अशोक चौधरी ने कहा कि बिहार तेजी से विकास के पथ पर अग्रसर है और राज्य में निवेश की संभावनाएं लगातार बढ़ रही हैं। उन्होंने गया में प्रस्तावित औद्योगिक पार्क का उल्लेख करते हुए कहा कि इससे हजारों युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे। साथ ही पटना–गया मार्ग को बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा कि अब यह सफर महज डेढ़ घंटे में पूरा हो जाता है।
विपक्ष पर तीखा हमला
‘डिप्टी सीएम’ पद को लेकर चल रही चर्चाओं पर डॉ. अशोक चौधरी ने कहा कि जिस दिन मुख्यमंत्री और निशांत कुमार चाहेंगे, उसी दिन इस पर निर्णय हो जाएगा। वहीं, आरजेडी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि जिनके अपने अतीत पर सवाल हैं, वे दूसरों पर उंगली उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जनता विकास देख रही है और सरकार पूरी तरह काम पर केंद्रित है।
जीतनराम मांझी के इस बयान को दक्षिण बिहार की राजनीति और कृषि क्षेत्र के लिए नई उम्मीद के रूप में देखा जा रहा है। यदि सोन-निरंजना लिंक परियोजना धरातल पर उतरती है, तो यह न केवल सिंचाई संकट दूर करेगी, बल्कि पूरे मगध क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को नई मजबूती देगी।