
जयपुर। राजधानी जयपुर स्थित राजपूत हॉस्टल में गुरुवार को उस समय विवाद खड़ा हो गया, जब पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे राजेंद्र गुढ़ा के प्रवेश को लेकर हंगामा हो गया। गेट बंद किए जाने से नाराज गुढ़ा ने दीवार फांदकर हॉस्टल में प्रवेश किया और वार्डन व समिति पदाधिकारियों पर तीखे आरोप लगाए।
जानकारी के अनुसार, राजेंद्र गुढ़ा के हॉस्टल पहुंचने की सूचना मिलने पर हॉस्टल वार्डन ने मुख्य गेट पर ताला लगवा दिया। गुढ़ा द्वारा गेट खोलने की मांग के बावजूद जब ताला नहीं खोला गया, तो वे लकड़ी की सीढ़ियों और दीवार के सहारे छत पर चढ़े और भीतर प्रवेश कर गए। इस दौरान उन्होंने वार्डन को फटकार लगाई और राजपूत सभा के अध्यक्ष रामसिंह चंदलाई से फोन पर तीखी बहस की।
“हॉस्टल तुम्हारे बाप का है क्या?”
गेट बंद किए जाने को लेकर राजेंद्र गुढ़ा ने फोन पर सभा अध्यक्ष से सवाल किया कि उनके आने पर हॉस्टल क्यों बंद किया गया। जवाब में अध्यक्ष ने कहा कि समिति की अनुमति के बिना किसी को प्रवेश नहीं दिया जा सकता। इस पर गुढ़ा भड़क गए और आपत्तिजनक शब्दों में सवाल करते हुए कहा कि “तुमने ताला क्यों लगवाया, क्या हॉस्टल तुम्हारे बाप का है?”
समिति पर विकास न कराने के आरोप
हॉस्टल का निरीक्षण करते हुए गुढ़ा ने कहा कि वे स्वयं इस हॉस्टल में रह चुके हैं और सीनियर छात्र होने के नाते यहां आते रहते हैं। समाज के हॉस्टल में सीनियर को रोकना अनुचित है। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले 40–50 वर्षों में राजपूत सभा ने हॉस्टल में कोई ठोस विकास कार्य नहीं कराया। आज भी वही फर्श, वही छत, वही पंखे और दीवारें हैं। मरम्मत के नाम पर कुछ नहीं किया गया।
उन्होंने बताया कि वे जिस कमरे में 30–40 साल पहले रहते थे, वह आज भी उसी हालत में है।
छात्रों से वसूली का आरोप
राजेंद्र गुढ़ा ने छात्रों से हॉस्टल शुल्क की जानकारी ली, जिस पर छात्रों ने बताया कि उनसे 25 हजार रुपये प्रति छात्र लिए जा रहे हैं। इस पर गुढ़ा ने आरोप लगाया कि गरीब परिवारों के छात्रों से भारी वसूली की जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि समिति में 50–60 हजार रुपये वेतन पाने वाले कर्मचारी रखे गए हैं, जो कोई काम नहीं करते। विकास के नाम पर धन लिया जाता है, लेकिन न तो मरम्मत होती है और न ही सुविधाएं बढ़ाई जाती हैं।
पूर्व मंत्री ने कहा कि समिति गरीब छात्रों का शोषण कर रही है, जिसकी जांच होनी चाहिए।