
पाली। राजस्थान के पाली जिले में मादक पदार्थ तस्करी के खिलाफ पुलिस अधीक्षक का सख्त रुख देखने को मिला है। डोडा-पोस्त से भरी कार पकड़ने के बाद तस्कर से दो लाख रुपये की अवैध डील कर उसे छोड़ने के मामले में एसपी आदर्श सिद्दू ने चार पुलिसकर्मियों को राजकीय सेवा से बर्खास्त कर दिया है। इस कार्रवाई से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है।
तस्कर को पकड़कर छोड़ने की साजिश हुई उजागर
जानकारी के अनुसार, 18 दिसंबर को देसूरी थाना के हेड कॉन्स्टेबल सोहनलाल (691), कॉन्स्टेबल बंशीलाल (470) तथा सादड़ी थाना के हेड कॉन्स्टेबल रामकेश (912) और कॉन्स्टेबल नच्छुराम (152) राजकार्य से पाली आए थे। वापसी के दौरान बूसी-सोमेसर मार्ग पर इन्होंने डोडा-पोस्त से भरी एक कार को रोका।
आरोप है कि इन पुलिसकर्मियों ने तस्कर को पकड़ने के बाद उच्च अधिकारियों को सूचना देने के बजाय उससे दो लाख रुपये में सौदा तय कर उसे छोड़ दिया। कुछ ही देर बाद उसी तस्कर को नाकाबंदी के दौरान पाली के पणिहारी चौराहे पर सदर थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
तस्कर के बयान से खुली पोल
गिरफ्तारी के बाद जोधपुर निवासी तस्कर धीरेंद्र ने सदर थानाप्रभारी को बताया कि कुछ समय पहले चार पुलिसकर्मियों ने रुपये लेकर उसे छोड़ दिया था। यह जानकारी तत्काल एसपी आदर्श सिद्दू तक पहुंचाई गई, जिसके बाद पूरे मामले की जांच कराई गई।
पहले निलंबन, अब बर्खास्तगी
जांच में आरोप सही पाए जाने पर एसपी ने पहले चारों पुलिसकर्मियों को निलंबित किया और उनके खिलाफ सदर थाने में मामला दर्ज कराया। जांच पूरी होने के बाद बुधवार को चारों को राजकीय सेवा से बर्खास्त कर दिया गया।
जोधपुर में कराई गई थी रिश्वत की रकम
पुलिस जांच में सामने आया कि तस्कर धीरेंद्र के मोबाइल से पुलिसकर्मियों ने भंवर खिलेरी नामक व्यक्ति से संपर्क कराया। दो लाख रुपये में मामला निपटाने की बात तय हुई। बाद में जोधपुर के भदवासिया पुलिया स्थित श्रीराम हॉस्पिटल के पास एक बेयरिंग की दुकान पर पुलिसकर्मियों के परिचित को नकद रकम दिलवाई गई, जिसके बाद तस्कर को छोड़ दिया गया।
एसपी का सख्त संदेश
एसपी आदर्श सिद्दू ने स्पष्ट किया कि तस्करी और भ्रष्टाचार के मामलों में किसी भी स्तर पर समझौता नहीं किया जाएगा। दोषी चाहे किसी भी पद पर हो, उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।