
पुणे: भारत की सबसे महत्वाकांक्षी अवसंरचना परियोजना, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे (1386 किलोमीटर) के निर्माण में बड़ी देरी सामने आई है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने पुणे स्थित रोडवेज सॉल्यूशंस इंडिया इंफ्रा लिमिटेड (RSIIL) को नोटिस जारी किया है। यह नोटिस 35 किलोमीटर लंबे खंड के निर्माण लक्ष्य को पूरा न करने के कारण दिया गया है और यह ठेका रद्द करने की अंतिम प्रक्रिया है।
सूत्रों के अनुसार, गुजरात के इस खंड में भौतिक और वित्तीय प्रगति क्रमशः केवल 4.9% और 4.6% ही रही। कंपनी के राज्य के दो अन्य खंडों (27 किलोमीटर और 25 किलोमीटर) पर प्रगति क्रमशः 23% और 36% है। इस धीमी प्रगति के कारण एक्सप्रेसवे की संशोधित समय सीमा मार्च 2028 से आगे बढ़ सकती है।
एनएचएआई ने पत्र में स्पष्ट किया कि ठेकेदार को लगातार और पर्याप्त अवसर देने के बावजूद, कंपनी ने निर्धारित लक्ष्य हासिल करने में विफल रही। 31 अगस्त 2024 की तय तारीख से 16 महीने बीतने के बाद भी केवल 4.59% वित्तीय प्रगति हुई है, जबकि इस अवधि में लगभग 70% प्रगति होनी चाहिए थी।
प्राधिकरण ने कहा कि तीन समझौता समझौतों के बावजूद ठेकेदार ने सुधार नहीं दिखाया। अनुबंध में यह स्पष्ट रूप से लिखा गया था कि निर्धारित लक्ष्यों में विफलता पर एनएचएआई बिना किसी सुधार अवधि नोटिस के ठेका रद्द कर सकता है। अब RSIIL को 60 दिनों के भीतर किसी भी उल्लंघन को सुधारने का अंतिम अवसर दिया गया है।
एनएचएआई अधिकारियों ने बताया कि RSIIL के अधूरे पैकेज जनता के लिए भारी असुविधा पैदा कर रहे हैं। अन्य दो खंडों में भी जल्द ही सुधार अवधि नोटिस जारी होने की संभावना है।