
कैंसर अपने आप में ही एक गंभीर और जानलेवा बीमारी है, लेकिन इसके कुछ प्रकार ऐसे होते हैं जो दुर्लभ होने के साथ-साथ बेहद आक्रामक भी होते हैं। ऐसे ही एक खतरनाक कैंसर से जूझ चुकी महिला ने अपनी आपबीती साझा करते हुए बताया कि अगर वह अपने पहले डॉक्टर की सलाह पर ही भरोसा कर लेतीं, तो शायद आज जीवित न होतीं।
HuffPost में प्रकाशित लेख “अगर मैंने अपने डॉक्टर की बात मानी होती, तो मैं अभी मर चुकी होती” में लेखिका टैरिन हिलिन (Taryn Hillin) ने अपने कैंसर से जंग के अनुभव को साझा किया है। उनका कहना है कि उनका मकसद सभी डॉक्टरों पर सवाल उठाना नहीं है, बल्कि यह बताना है कि कभी-कभी लापरवाही या गंभीरता की कमी मरीज की जान पर भारी पड़ सकती है।
पहली जांच में कैंसर को बताया गया मामूली समस्या
टैरिन हिलिन ने बताया कि वर्ष 2019 में वह एक नई Ob-GYN डॉक्टर के पास जांच के लिए गई थीं। टेस्ट रिपोर्ट देखने के बाद डॉक्टर ने बताया कि उनके यूटेराइन सर्विक्स में लगभग 2 सेंटीमीटर का ट्यूमर है, लेकिन उन्होंने इसे कैंसर मानने से इनकार कर दिया। डॉक्टर का कहना था कि यह फाइब्रोइड, बिनाइन ग्रोथ या पॉलीप भी हो सकता है।
डॉक्टर ने बायोप्सी की जरूरत तो बताई, लेकिन इसे चार हफ्ते बाद शेड्यूल किया गया। टैरिन का कहना है कि डॉक्टर छुट्टी पर जाने वाली थीं और उनकी हालत व मानसिक चिंता को लेकर गंभीर नहीं दिखीं।
दूसरी राय ने बचाई जान
अपनी बढ़ती चिंता को देखते हुए टैरिन ने अपनी मां से सलाह ली और अपनी पुरानी डॉक्टर के पास गईं। इस बार बिना किसी देरी के बायोप्सी और जरूरी जांच कराई गई। रिपोर्ट सामने आते ही सच्चाई चौंकाने वाली थी—उन्हें दुर्लभ हाई-ग्रेड स्मॉल सेल न्यूरोएंडोक्राइन कैंसर था।
बेहद आक्रामक कैंसर, तुरंत शुरू हुआ इलाज
इस खतरनाक कैंसर के बाद टैरिन का तुरंत इलाज शुरू किया गया। कीमोथेरेपी, रेडिएशन और बड़ी सर्जरी के जरिए उनका यूट्रस, सर्विक्स, ओवरी, फैलोपियन ट्यूब, वजाइनल कैनाल का हिस्सा और कई पेल्विक लिम्फ नोड्स निकाले गए।
टैरिन का कहना है कि यह कैंसर इतनी तेजी से फैलता है कि अगर कुछ हफ्तों की भी देरी होती, तो उनकी जान जा सकती थी।
क्या है स्मॉल सेल न्यूरोएंडोक्राइन कैंसर?
NeuroEndocrine Cancer Australia के अनुसार, स्मॉल सेल न्यूरोएंडोक्राइन कार्सिनोमा एक बेहद दुर्लभ और आक्रामक कैंसर है। यह न्यूरोएंडोक्राइन सेल्स से विकसित होता है और शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है।
शरीर के किन हिस्सों में ज्यादा पाया जाता है
क्लीवलैंड क्लीनिक के मुताबिक यह कैंसर इन अंगों में ज्यादा देखा जाता है—
- गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट
फेफड़े
पैंक्रियाज
थायराइड
पिट्यूटरी ग्लैंड
एड्रेनल ग्लैंड
इसके आम लक्षण
- लगातार थकान
पेट दर्द
डायरिया
उल्टी या मतली
सांस फूलना
खून वाली खांसी
किन जांचों से होती है पुष्टि
इस कैंसर के लक्षण सामान्य होने के कारण पहचान में देरी हो जाती है। शक होने पर डॉक्टर ये जांच करवा सकते हैं—
- ब्लड और यूरिन टेस्ट
एक्स-रे, सीटी स्कैन, एमआरआई
एंडोस्कोपी
एंडोस्कोपी अल्ट्रासाउंड
बायोप्सी
सीख: दूसरी राय लेना हो सकता है जीवनरक्षक
टैरिन हिलिन की यह कहानी बताती है कि समय पर जांच और दूसरी मेडिकल राय लेना कई बार जान बचा सकता है। किसी भी गंभीर लक्षण को हल्के में न लें और जरूरत पड़ने पर विशेषज्ञ से दोबारा सलाह जरूर लें।
डिस्क्लेमर: यह लेख सामान्य जानकारी पर आधारित है। किसी भी बीमारी के निदान या इलाज के लिए डॉक्टर या विशेषज्ञ की सलाह आवश्यक है।