
इंदौर: इंदौर की तीन वर्षीय मासूम अनिका स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉफी (SMA) टाइप-2 नामक गंभीर और दुर्लभ बीमारी से जूझ रही है। इस बीमारी का इलाज बेहद महंगा है और इसके लिए लगभग 9 करोड़ रुपये की जरूरत है। अनिका के माता-पिता लगातार समाज और सरकार से मदद की अपील कर रहे हैं।
मंगलवार को अनिका के परिजन इंदौर कलेक्टर कार्यालय में आयोजित जनसुनवाई में पहुंचे और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से भावुक अपील की। उन्होंने कहा, “यदि प्रदेश की लाड़ली बहनों से केवल 6-6 रुपये की मदद जुटा दी जाए, तो बेटी के इलाज के लिए जरूरी राशि का बड़ा हिस्सा पूरा किया जा सकता है।”
जनसुनवाई में अनिका के परिजनों ने बताया कि अब तक समाज, संस्थाओं और आम नागरिकों से करीब 3 करोड़ रुपये की मदद मिल चुकी है, लेकिन अभी भी लगभग 6 करोड़ रुपये की कमी है।
साथ ही सामाजिक संस्था ‘विनय उजाला’ ने इस मौके पर अनिका के इलाज के लिए 2.77 लाख रुपये का चेक सौंपा, जिससे परिजनों को थोड़ी राहत मिली। कलेक्टर शिवम वर्मा ने भी शहरवासियों से आगे आने और मदद करने की अपील की।
क्यों इतना महंगा है इलाज?
डॉक्टरों के अनुसार, दुनिया में फिलहाल केवल नोवार्टिस कंपनी ही इस इंजेक्शन का निर्माण कर रही है। अन्य किसी कंपनी ने इस पर न तो शोध किया है और न ही उत्पादन शुरू किया है। बीमारी के मरीज कम होने के कारण रिसर्च और निर्माण की लागत अत्यधिक है।
अनिका के माता-पिता की यह अपील हर किसी के दिल को छू रही है। अब सवाल यह है कि क्या समाज और सरकार मिलकर इस मासूम बच्ची की जिंदगी बचाने में कदम आगे बढ़ाएंगे।