
विशाखापत्तनम: हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड (HSL) ने 22 दिसंबर 2025 को विशाखापत्तनम पोर्ट अथॉरिटी के लिए 60 टन बोलार्ड पुल (60T BP) टग कार्यक्रम में दो महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। इस अवसर पर पहले 60T BP टग का कील लेइंग (Keel Laying) समारोह संपन्न हुआ, जिसे पूरी तरह स्वदेशी डिजाइन और निर्माण के साथ तैयार किया जा रहा है। साथ ही, दूसरे 60T BP टग के निर्माण के लिए औपचारिक अनुबंध पर हस्ताक्षर भी किए गए।
इन दोहरी उपलब्धियों ने HSL और विशाखापत्तनम पोर्ट अथॉरिटी के बीच लंबे समय से चले आ रहे भरोसेमंद और मजबूत साझेदारी संबंधों को और मजबूती दी है।
प्रोजेक्ट की खास बातें
यह प्रोजेक्ट ‘मैरीटाइम इंडिया विजन 2030’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल के तहत है।
32.5 मीटर लंबा यह टग विशेष रूप से मुश्किल पोर्ट ऑपरेशन के लिए डिजाइन किया गया है।
बड़े जहाजों की सुरक्षित हैंडलिंग, तेज टर्नअराउंड समय और ऑपरेशन में सुधार इस टग के जरिए संभव होगा।
आधुनिक टग पोर्ट के भविष्य के विस्तार और प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता को मजबूती प्रदान करेंगे।
प्रमुख प्रतिक्रियाएं
विशाखापत्तनम पोर्ट अथॉरिटी की चेयरपर्सन डॉ. मधैयान अंगमुथु, IAS ने समारोह में कहा, “HSL के साथ सहयोग से पोर्ट की क्षमताएं बढ़ी हैं और देश के समुद्री इको सिस्टम को मजबूती मिली है। आने वाले वर्षों में बढ़ते कार्गो वॉल्यूम के मद्देनजर आधुनिक टग और बुनियादी ढांचा अत्यंत आवश्यक हैं।”
एचएसएल के दृष्टिकोण
HSL के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर कमोडोर गिरीदीप सिंह ने विशाखापत्तनम पोर्ट अथॉरिटी और तकनीकी साझेदारों M/s Vedam और M/s Solas Marine का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि कील लेइंग और नए अनुबंध जैसी दोहरी उपलब्धियां HSL की तकनीकी क्षमता, मजबूत प्रोजेक्ट मैनेजमेंट और समय पर डिलीवरी की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।
इस कार्यक्रम ने न केवल ‘मेक इन इंडिया’ के तहत स्वदेशी जहाज निर्माण को बढ़ावा दिया है, बल्कि एमएसएमई भागीदारी, रोजगार सृजन और भारत के समुद्री क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है।