
नई दिल्ली। भारत ने मंगलवार को आकाश नेक्स्ट जेनरेशन (Akash-NG) मिसाइल सिस्टम का यूजर इवैल्यूएशन ट्रायल सफलतापूर्वक संपन्न किया। यह ट्रायल देश की स्वदेशी एयर डिफेंस क्षमताओं को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
सफल इंटरसेप्शन से बढ़ा आत्मविश्वास
डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) के अनुसार, ट्रायल के दौरान मिसाइलों ने अलग-अलग रेंज और ऊंचाई पर हवाई लक्ष्यों को सफलतापूर्वक इंटरसेप्ट किया। इसमें सीमाओं के पास कम ऊंचाई और लंबी दूरी के साथ-साथ उच्च ऊंचाई वाले हालात भी शामिल थे।
आकाश-एनजी क्यों खास
आकाश-एनजी मिसाइल सिस्टम RF सीकर से लैस है और सॉलिड रॉकेट मोटर द्वारा संचालित है। इसे एक साथ कई लक्ष्यों को निशाना बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसकी रेंज 30 किमी और ऊंचाई 18 किमी तक है। DRDO ने इसे विकसित किया है और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) इसका निर्माण कर रही है। सफल परीक्षण के बाद, यह सिस्टम भारतीय वायु सेना और भारतीय सेना में शामिल करने की प्रक्रिया के और करीब आ गया है।
हाल ही में एयरक्राफ्ट एस्केप सिस्टम का भी सफल परीक्षण
इस महीने की शुरुआत में DRDO ने चंडीगढ़ में टर्मिनल बैलिस्टिक्स रिसर्च लेबोरेटरी (TBRL) में 800 किमी/घंटा की गति पर फाइटर एयरक्राफ्ट एस्केप सिस्टम का हाई-स्पीड रॉकेट-स्लेड टेस्ट सफलतापूर्वक किया था। इस परीक्षण में एयरक्रू की पूरी सुरक्षा और अन्य सेफ्टी पैरामीटर वेरिफाई किए गए।
सफल परीक्षणों के बाद भारत की स्वदेशी डिफेंस क्षमताओं में और मजबूती आई है और यह देश की हवाई सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।