
बरेली।
बरेली में हालिया हिंसा के मामले में प्रशासन ने सख्त रुख अपनाते हुए मुख्य आरोपी मौलाना तौकीर रजा के करीबी बताए जा रहे वाजिद बेग के आलीशान मैरिज हॉल को मंगलवार को ध्वस्त कर दिया। करीब 800 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में बने इस दो मंजिला मैरिज हॉल पर दोपहर बाद तीन जेसीबी मशीनों से कार्रवाई की गई।
प्रशासन और बरेली विकास प्राधिकरण (बीडीए) का दावा है कि यह मैरिज हॉल करीब पांच साल पहले बिना नक्शा पास कराए अवैध रूप से बनाया गया था। हाल ही में बरेली में हुई हिंसा की जांच के दौरान वाजिद बेग का नाम सामने आने के बाद बीडीए ने 6 अक्टूबर को इस मैरिज हॉल को सील कर दिया था।
हाईकोर्ट में मामला लंबित, फिर भी कार्रवाई
सीलिंग की कार्रवाई के बाद वाजिद बेग ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। मामले की पहली सुनवाई 16 दिसंबर को तय थी, लेकिन बीडीए के अधिवक्ता के उपस्थित न होने के कारण अदालत ने अगली सुनवाई की तारीख 7 जनवरी निर्धारित की थी। इसके बावजूद, सुनवाई से पहले ही प्रशासन ने मंगलवार को ध्वस्तीकरण की कार्रवाई कर दी, जिस पर अब सवाल खड़े हो रहे हैं।
भारी पुलिस बल तैनात
कार्रवाई के दौरान मौके पर भारी पुलिस बल तैनात रहा। बीडीए के संयुक्त सचिव दीपक कुमार, अपर जिलाधिकारी (नगर) सौरभ दुबे, पुलिस अधीक्षक (नगर) मानुष पारीक सहित कई थानों की पुलिस फोर्स मौजूद रही। मैरिज हॉल के चारों ओर सुरक्षा घेरा बनाकर आम लोगों की आवाजाही पूरी तरह रोक दी गई थी।
वाजिद बेग पक्ष का आरोप
वाजिद बेग पक्ष ने प्रशासन की कार्रवाई को गलत बताया है। उनका कहना है कि मैरिज हॉल से जुड़े सभी वैध दस्तावेज उनके पास मौजूद हैं और हाईकोर्ट में सुनवाई से पहले ध्वस्तीकरण करना न्यायसंगत नहीं है। उनका यह भी दावा है कि हिंसा के मामले में उनके भाई की भूमिका को गलत तरीके से जोड़ा गया है।
मौलाना तौकीर रजा से नजदीकी
गौरतलब है कि वाजिद बेग को बरेली हिंसा के आरोपी मौलाना तौकीर रजा का करीबी माना जाता है। मौलाना तौकीर रजा फिलहाल हिंसा के मामलों में जेल में बंद हैं। उनके खिलाफ हिंसा से जुड़े 11 मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें से कुछ में उन्हें जमानत मिल चुकी है, जबकि कई मामलों में सुनवाई अभी लंबित है।
हाईकोर्ट में रखी जाएगी स्थिति
वाजिद बेग पक्ष का कहना है कि 7 जनवरी को हाईकोर्ट में पूरे घटनाक्रम और प्रशासन की कार्रवाई को चुनौती दी जाएगी।
इस कार्रवाई के बाद बरेली में प्रशासनिक सख्ती और कानून-व्यवस्था को लेकर राजनीतिक व सामाजिक हलकों में चर्चाएं तेज हो गई हैं।