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नई दिल्ली (अनिल कुमार): भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की एक और ऐतिहासिक उपलब्धि की ओर देश बढ़ चुका है। नई पीढ़ी के संचार उपग्रह ‘ब्लूबर्ड ब्लॉक-2’ के प्रक्षेपण के लिए 24 घंटे की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। यह उपग्रह इसरो के शक्तिशाली एलवीएम3-एम6 (बाहुबली) रॉकेट के जरिए लॉन्च किया जाएगा।
लॉन्च से पहले इसरो प्रमुख वी. नारायणन ने 23 दिसंबर को आंध्र प्रदेश के तिरुमला स्थित श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में पूजा-अर्चना कर मिशन की सफलता की कामना की। इस अवसर पर उन्होंने मिशन से जुड़ी अहम जानकारियां भी साझा कीं।
इसरो प्रमुख ने क्या कहा
इसरो चेयरमैन वी. नारायणन ने बताया कि
“24 दिसंबर की सुबह 8.54 बजे, एलवीएम3-एम6 रॉकेट के जरिए ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 सैटेलाइट का प्रक्षेपण किया जाएगा। यह भारतीय धरती से लॉन्च किया जाने वाला अब तक का सबसे भारी पेलोड होगा।”
उन्होंने कहा कि 6,100 किलोग्राम वजनी यह उपग्रह अमेरिका का एक अत्याधुनिक कम्युनिकेशन सैटेलाइट है, जिसे 4जी और 5जी नेटवर्क सपोर्ट के लिए डिजाइन किया गया है।
सबसे भारी सैटेलाइट, नया कीर्तिमान
ब्लूबर्ड ब्लॉक-2, एलवीएम3 रॉकेट के इतिहास में लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) में स्थापित किया जाने वाला सबसे भारी सैटेलाइट होगा। इसे श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लॉन्च पैड से प्रक्षेपित किया जाएगा।
भारत-अमेरिका के बीच व्यावसायिक साझेदारी
यह मिशन न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) और अमेरिका की कंपनी एएसटी स्पेसमोबाइल के बीच हुए वाणिज्यिक समझौते के तहत संचालित किया जा रहा है। एनएसआईएल, इसरो की वाणिज्यिक शाखा है।
क्या है ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 की खासियत
ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 का उद्देश्य सैटेलाइट के जरिए सीधे स्मार्टफोन को हाई-स्पीड मोबाइल कनेक्टिविटी प्रदान करना है।
यह उपग्रह दुनिया के किसी भी कोने में 4जी-5जी वॉयस कॉल, वीडियो कॉल, मैसेजिंग, स्ट्रीमिंग और डेटा सेवाएं उपलब्ध कराने में सक्षम होगा।
इस मिशन को अंतरिक्ष संचार तकनीक के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम माना जा रहा है, जो भारत को वैश्विक अंतरिक्ष बाजार में और मजबूत करेगा।
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