Tuesday, December 23

प्रियंका गांधी को प्रधानमंत्री बनाने की वकालत, कांग्रेस सांसद इमरान मसूद का बड़ा बयान—बांग्लादेश को मिलेगा कड़ा जवाब

 

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नई दिल्ली।

कांग्रेस सांसद इमरान मसूद के एक बयान ने सियासी हलकों में नई बहस छेड़ दी है। मसूद ने कहा है कि यदि प्रियंका गांधी वाड्रा प्रधानमंत्री बनती हैं, तो वह बांग्लादेश को “निर्णायक और कड़ा जवाब” देंगी। बांग्लादेश में हिंदुओं पर कथित अत्याचार के मुद्दे को उठाते हुए उन्होंने प्रियंका गांधी को देश की कमान सौंपने की खुलकर वकालत की।

 

इमरान मसूद ने भाजपा के उन आरोपों को खारिज किया, जिनमें कहा जा रहा है कि प्रियंका गांधी बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रही हिंसा के खिलाफ पर्याप्त रूप से मुखर नहीं रहीं। उन्होंने कहा कि पिछली बार जब बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार हुआ था, तब सबसे मुखर आवाज प्रियंका गांधी की ही थी। मसूद ने कहा, “प्रियंका गांधी को प्रधानमंत्री बनाइए, फिर देखिए वह इंदिरा गांधी की तरह कैसे जवाब देती हैं।”

 

उन्होंने आगे कहा कि जिस तरह पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1971 में पाकिस्तान को दो हिस्सों में बांट दिया था, उसी तरह प्रियंका गांधी बांग्लादेश को भी ऐसा सबक सिखाएंगी कि वह भारत-विरोधी गतिविधियों का केंद्र न बन सके। मसूद ने प्रियंका गांधी को मजबूत और निर्णायक नेतृत्व का प्रतीक बताते हुए उनकी तुलना इंदिरा गांधी से की।

 

जब उनसे यह सवाल किया गया कि प्रियंका गांधी के प्रधानमंत्री बनने पर राहुल गांधी की भूमिका क्या होगी, तो मसूद ने कहा कि राहुल गांधी भी कार्रवाई करेंगे। उन्होंने कहा, “राहुल और प्रियंका अलग-अलग नहीं हैं, वे एक ही चेहरे की दो आंखों की तरह हैं। दोनों इंदिरा गांधी के पोते-पोती हैं, उन्हें अलग-अलग मत देखिए।”

 

इमरान मसूद के इस बयान पर भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला है। भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं का राहुल गांधी पर से भरोसा उठ चुका है। उन्होंने दावा किया कि इमरान मसूद के बयान से साफ है कि कांग्रेस के भीतर राहुल गांधी के नेतृत्व को लेकर असंतोष गहरा रहा है।

 

पूनावाला ने कहा, “राहुल गांधी के पास न तो ‘जनमत’ है, न ‘संगत’ और न ही ‘जनपथ’ का समर्थन। उन्होंने न सिर्फ जनता का भरोसा खोया है, बल्कि उनके अपने सहयोगी भी उनसे दूर हो रहे हैं।” भाजपा प्रवक्ता ने यह भी याद दिलाया कि कुछ दिन पहले ओडिशा के कांग्रेस नेता मोहम्मद मोकिम ने राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे को नेतृत्व पदों से हटाकर प्रियंका गांधी को आगे लाने की मांग की थी, जिसके बाद उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया गया।

 

इस पूरे घटनाक्रम ने कांग्रेस के भीतर नेतृत्व को लेकर चल रही चर्चाओं को एक बार फिर केंद्र में ला दिया है, वहीं भाजपा ने इसे विपक्ष की अंदरूनी कलह बताते हुए कांग्रेस पर राजनीतिक दबाव बढ़ा दिया है।

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