
यूपी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी ने समाजवादी पार्टी (सपा) के पीडीए मॉडल पर जमकर प्रहार किया है। मंगलवार को पार्टी कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि सपा का पीडीए कोई स्थायी सामाजिक गठबंधन नहीं, बल्कि केवल पारिवारिक और व्यक्तिगत हितों पर आधारित गठजोड़ है, जो चुनाव और राजनीतिक लाभ के अनुसार बदलता रहता है।
पंकज चौधरी ने कहा कि समाजवादी पार्टी पिछड़े वर्ग, दलित और अल्पसंख्यक की बातें जरूर करती है, लेकिन असलियत में उसका व्यवहार हमेशा चुनिंदा परिवारों और नेताओं तक ही सीमित रहा है। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि जब आजम खान जैसे प्रभावशाली नेता पार्टी में थे और अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री बनाया गया, उस समय पीडीए संतुलन पर किसी का ध्यान नहीं रखा गया।
उन्होंने कहा, “सपा का पीडीए केवल चुनावी मौसम में सक्रिय होता है और चुनाव खत्म होते ही उसका स्वरूप बदल जाता है। यह दर्शाता है कि सपा के लिए पीडीए कोई विचारधारा नहीं, बल्कि राजनीतिक मजबूरी है।”
जनता समझ चुकी सपा की राजनीति
पंकज चौधरी ने कहा कि उत्तर प्रदेश की जनता अब सपा की बदलती राजनीति को भली-भांति समझ चुकी है। जनता जानती है कि पीडीए के नाम पर सपा केवल भ्रम फैलाती है, जबकि बीजेपी ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’ के सिद्धांत पर ईमानदारी से काम कर रही है। उन्होंने दावा किया कि बीजेपी की राजनीति सेवा, संगठन और समर्पण पर आधारित है, जहां कार्यकर्ता ही पार्टी की रीढ़ हैं।
पंकज चौधरी ने निष्कर्ष निकाला कि सपा का पीडीए वक्त के साथ बदलता रहता है, जबकि बीजेपी की नीति और नीयत स्पष्ट और स्थिर है। यही कारण है कि प्रदेश की जनता बार-बार बीजेपी पर भरोसा जताती है और भविष्य में भी सपा के खोखले गठबंधनों को नकारेगी।