Tuesday, December 23

अरावली विवाद के बीच पुलिस–बजरी माफिया गठजोड़ उजागर, 5 थानेदार निलंबित, 6 लाइन हाजिर

 

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जयपुर।

अरावली पहाड़ियों के संरक्षण और ‘100 मीटर नियम’ को लेकर चल रही बहस के बीच राजस्थान में अवैध बजरी खनन और परिवहन को लेकर एक बड़ा और चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है। डिकॉय ऑपरेशन के जरिए यह तथ्य उजागर हुआ है कि कई स्थानों पर पुलिस की मिलीभगत से बजरी माफिया बेखौफ अवैध कारोबार चला रहा था। मामले की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए 5 थानेदारों को निलंबित और 6 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया है, जबकि 15 अन्य पुलिसकर्मी जांच के घेरे में हैं।

 

आठ जिलों तक फैला पुलिस–माफिया नेटवर्क

 

यह भ्रष्टाचार केवल एक-दो जिलों तक सीमित नहीं, बल्कि जयपुर, टोंक, अजमेर, धौलपुर, भीलवाड़ा, कोटा, दौसा, चित्तौड़गढ़ और जोधपुर कमिश्नरेट तक फैला हुआ पाया गया है।

निलंबित किए गए थानेदारों में शिवदासपुर (जयपुर), पीपलू व बरौनी (टोंक), पीसांगन (अजमेर) और धौलपुर कोतवाली के थाना प्रभारी शामिल हैं। वहीं, कोटा, भीलवाड़ा, दौसा, चित्तौड़गढ़ और जोधपुर के कई थाना प्रभारियों को लाइन हाजिर किया गया है।

 

थानों के सामने से गुजरती रही अवैध बजरी

 

जांच में सामने आया कि अवैध बजरी से लदे वाहन थानों के सामने से खुलेआम गुजरते रहे, लेकिन पुलिस की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। इससे यह आशंका गहरी हुई कि माफिया को स्थानीय स्तर पर संरक्षण प्राप्त था। लगातार मिल रही शिकायतों के बाद उच्च स्तर पर डिकॉय ऑपरेशन की योजना बनाई गई, जिसमें पुलिस की भूमिका संदेह के घेरे में आई।

 

11 विजिलेंस टीमों ने किया डिकॉय ऑपरेशन

 

मामले की तह तक जाने के लिए 11 विजिलेंस टीमों का गठन किया गया। इन टीमों ने अलग-अलग जिलों में निगरानी रखकर अवैध बजरी परिवहन, पुलिस की सक्रियता और कार्रवाई के स्तर की जांच की। नवंबर महीने में किए गए निरीक्षणों के दौरान कई संदिग्ध गतिविधियां रिकॉर्ड की गईं, जिसके आधार पर यह बड़ी कार्रवाई संभव हो सकी।

 

डीजीपी का बयान

 

राजस्थान के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजीव शर्मा ने कहा,

“सरकार अवैध बजरी खनन और माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए प्रतिबद्ध है। समय-समय पर डिकॉय ऑपरेशन किए जाते हैं। इस मामले में संबंधित जिलों के एसपी और डीएसपी को विभागीय जांच के निर्देश दिए गए हैं। दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।”

 

जांच जारी, और कार्रवाई के संकेत

 

प्रशासन ने साफ किया है कि यह कार्रवाई प्रारंभिक है और जांच अभी जारी है। वरिष्ठ अधिकारियों की निगरानी में पूरे नेटवर्क की पड़ताल की जा रही है। अवैध बजरी खनन से जुड़े अन्य लोगों और पुलिसकर्मियों की भूमिका भी खंगाली जा रही है।

संकेत हैं कि आने वाले दिनों में और निलंबन व कड़ी कार्रवाई हो सकती है।

 

यह मामला न केवल अरावली क्षेत्र में पर्यावरणीय क्षरण का गंभीर संकेत देता है, बल्कि यह भी सवाल खड़ा करता है कि कानून के रखवाले ही अगर माफिया के साझेदार बन जाएं, तो कानून का राज कैसे बचेगा?

 

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