
मुंबई महाराष्ट्र के नगर निकाय चुनाव 2025 में जहां सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन ने बड़ी जीत दर्ज की, वहीं कुछ सीटों पर ऐसे नतीजे भी सामने आए जिन्होंने लोकतंत्र में एक वोट की ताकत को साबित कर दिया। राज्य की तीन नगर परिषद और नगर पंचायत सीटों पर प्रत्याशी महज एक वोट के अंतर से विजयी घोषित किए गए, जिससे चुनावी इतिहास में अनूठा रिकॉर्ड दर्ज हुआ।
राज्य में भारतीय जनता पार्टी, शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के महायुति गठबंधन ने 288 नगर परिषदों और नगर पंचायतों में से 207 अध्यक्ष पदों पर कब्जा जमाया। लेकिन इन भारी जीतों के बीच कुछ बेहद करीबी मुकाबले चर्चा का केंद्र बन गए।
रत्नागिरि में संदीप भिसे की रोमांचक जीत
रत्नागिरि जिले के चिपलून नगर परिषद में भाजपा प्रत्याशी संदीप भिसे ने महज एक वोट के अंतर से जीत हासिल कर सबको चौंका दिया। यह मुकाबला इसलिए भी खास रहा क्योंकि उनके खिलाफ विपक्ष ने दिग्गज उम्मीदवार उतारे थे। उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना से राहुल लोटेकर, अजित पवार की एनसीपी से सुनील रेडीज, शरद पवार गुट से राहुल कांबली और कांग्रेस से किशोर जागुष्टे मैदान में थे। कड़े संघर्ष के बाद भिसे सिर्फ एक वोट से विजयी रहे।
पुणे में सुनीता ढोरे ने रचा इतिहास
पुणे जिले की वडगांव नगर पंचायत के प्रभाग क्रमांक-2 में एनसीपी की सुनीता राहुल ढोरे ने भाजपा प्रत्याशी पूजा आतिश ढोरे को एक वोट से हराया। यह मुकाबला अंतिम क्षण तक बराबरी का बना रहा और मतगणना के बाद एक वोट का अंतर सामने आया।
नांदेड़ में प्रमिला पंचाल बनीं अध्यक्ष
नांदेड़ जिले के मुदखेड़ नगर परिषद में भाजपा उम्मीदवार प्रमिला पंचाल एक वोट से अध्यक्ष चुनी गईं। हार के बाद एआईएमआईएम प्रत्याशी ने पुनर्गणना की मांग की, लेकिन परिणाम नहीं बदला। प्रमिला पंचाल को कुल 779 वोट मिले। उन्होंने कहा कि इस चुनाव ने उन्हें लोकतंत्र का असली अर्थ समझाया और डॉ. बीआर आंबेडकर के संदेश “एक व्यक्ति, एक वोट, एक मूल्य” की अहमियत का एहसास कराया।
दो चरणों में हुए थे चुनाव
राज्य की 246 नगर परिषदों और 42 नगर पंचायतों के लिए मतदान दो चरणों—2 और 20 दिसंबर—को हुआ था। मतगणना 21 दिसंबर को संपन्न हुई। बॉम्बे हाई कोर्ट में मामला लंबित होने के कारण मतगणना पहले 3 दिसंबर से स्थगित कर दी गई थी।
ये चुनाव कोंकण, नासिक, पुणे, छत्रपति संभाजीनगर, अमरावती और नागपुर सहित राज्य के सभी प्रशासनिक क्षेत्रों में हुए।
निष्कर्ष
महाराष्ट्र नगर निकाय चुनाव के नतीजों ने एक बार फिर साबित कर दिया कि लोकतंत्र में हर वोट की कीमत होती है। एक-एक वोट से मिली इन जीतों ने मतदाताओं की भागीदारी और चुनावी प्रक्रिया की अहमियत को नई मजबूती दी है।