
नई दिल्ली: भारत और न्यूजीलैंड के बीच व्यापार को बढ़ावा देने वाला बड़ा समझौता हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन से फोन पर बातचीत कर इस फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) को अंतिम रूप देने की घोषणा की। दोनों नेताओं ने कहा कि इससे दोनों देशों के बीच ट्रेड, निवेश, इनोवेशन और साझा अवसर बढ़ेंगे।
जीरो टैरिफ का मतलब:
समझौते के अनुसार, न्यूजीलैंड को भारत से सामान एक्सपोर्ट करने पर कोई टैरिफ नहीं देना होगा। हर तरह के सामान पर टैक्स खत्म हो जाएगा। इसका लाभ किसानों, छोटे और मध्यम उद्योगों (MSMEs), कारोबारियों, कारीगरों, महिलाओं और युवाओं तक पहुंचेगा। कपड़ा, परिधान, चमड़ा, जूते, इंजीनियरिंग, ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, मशीनरी, प्लास्टिक, दवाइयां और रसायन जैसे उद्योग इससे सीधे लाभान्वित होंगे।
नए अवसर और निवेश:
समझौता सेवाओं, लोगों की आवाजाही, निवेश और व्यापार को आसान बनाने में भी मदद करेगा। इसका लक्ष्य अगले पांच सालों में द्विपक्षीय व्यापार को दोबुना करना है। इसके अलावा, न्यूजीलैंड भारत में 15 साल में 20 अरब डॉलर का निवेश करने के लिए सहमत हुआ है। यह निवेश मैन्युफैक्चरिंग, इंफ्रास्ट्रक्चर, सेवाएं, इनोवेशन और रोजगार सृजन में मदद करेगा।
किसानों को फायदा:
भारतीय किसानों को न्यूजीलैंड के बाजार में फल, सब्जियां, कॉफी, मसाले, अनाज और प्रोसेस्ड फूड बेचने के बेहतर मौके मिलेंगे। ‘एग्रीकल्चरल प्रोडक्टिविटी पार्टनरशिप’, ‘सेंटर्स ऑफ एक्सीलेंस’ और उन्नत कृषि तकनीकों तक पहुंच जैसी पहलों से किसानों की उत्पादकता बढ़ेगी, गुणवत्ता सुधरेगी और आय में वृद्धि होगी। शहद, कीवी और सेब जैसे बागवानी उत्पादों के लिए विशेष उपाय किए गए हैं।
सर्विस सेक्टर के लिए नए रास्ते:
यह समझौता IT, IT-इनेबल्ड सर्विस, फाइनेंस, एजुकेशन, टूरिज्म और कंस्ट्रक्शन जैसे सर्विस सेक्टर में भारत को बाजार पहुंच देगा। न्यूजीलैंड ने 118 सर्विस सेक्टर और सब-सेक्टर में भारत को पहुंच की सुविधा दी और 139 सेक्टर में ‘मोस्ट फेवर्ड नेशन’ (MFN) का दर्जा दिया। वहीं भारत ने न्यूजीलैंड को 106 सेक्टर में पहुंच और 45 सेक्टर में MFN का दर्जा दिया। यह पहला मौका है जब न्यूजीलैंड ने किसी भी देश के साथ ऐसा समझौता किया है।
दोनों देशों के बीच व्यापार का हाल:
वित्तीय वर्ष 2024-25 में दोनों देशों के बीच माल का व्यापार 1.3 अरब डॉलर था। वहीं, 2024 में वस्तुओं और सेवाओं का कुल व्यापार लगभग 2.4 अरब डॉलर रहा, जिसमें अकेले सेवाओं का व्यापार 1.24 अरब डॉलर था।