
नई दिल्ली। आधुनिक युद्ध में दुश्मन की कमर तोड़ने वाले कामिकेज ड्रोन (आत्मघाती ड्रोन) को लेकर भारतीय सेना की तैयारियां तेज हो गई हैं। सेना एक साथ करीब 850 कामिकेज ड्रोन खरीदने की योजना पर काम कर रही है। हाल के अभियानों में इन ड्रोनों की प्रभावशीलता साबित होने के बाद इन्हें भारत का नया ‘अचूक सोल्जर’ माना जा रहा है।
ऑपरेशन सिंदूर में दिखी घातक ताकत
मई महीने में हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान पाकिस्तान की ओर से भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमले की कोशिश की गई थी। इसके जवाब में भारतीय सशस्त्र बलों ने कामिकेज ड्रोन का इस्तेमाल कर दुश्मन को करारा जवाब दिया।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, इन आत्मघाती ड्रोनों ने लाहौर में पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम को तबाह कर दिया, जबकि कई अन्य अहम सैन्य ठिकानों को भी निशाना बनाया गया।
क्या होते हैं कामिकेज ड्रोन?
कामिकेज ड्रोन, जिन्हें तकनीकी भाषा में लोइटरिंग म्यूनिशंस कहा जाता है, ऐसे ड्रोन होते हैं जो किसी इलाके में लंबे समय तक मंडरा सकते हैं। जैसे ही लक्ष्य सामने आता है, ये ड्रोन खुद को विस्फोटक के साथ उस पर गिरा देते हैं।
ये एक बार इस्तेमाल होने वाले हथियार होते हैं—लॉन्च होने के बाद वापस नहीं आते और खुद ही मिसाइल का काम करते हैं।
क्यों कहलाते हैं ‘सुसाइड ड्रोन’?
इन ड्रोनों का हमला खुद को नष्ट करके लक्ष्य को तबाह करने पर आधारित होता है। इसी कारण इन्हें सुसाइड या आत्मघाती ड्रोन कहा जाता है। इनमें कोई पायलट या सैनिक सवार नहीं होता, जिससे जान का जोखिम नहीं रहता, लेकिन नुकसान बेहद सटीक और घातक होता है।
द्वितीय विश्वयुद्ध से क्या है कनेक्शन?
‘कामिकेज’ शब्द की उत्पत्ति द्वितीय विश्वयुद्ध से जुड़ी है। उस दौर में जापानी पायलट अपने विमानों को दुश्मन के जहाजों से टकराकर आत्मघाती हमले करते थे।
आज के कामिकेज ड्रोन उसी रणनीति का आधुनिक और तकनीकी रूप हैं—हालांकि इन्हें दूर से या ऑटोमैटिक सिस्टम के जरिए नियंत्रित किया जाता है।
कैसे करते हैं हमला?
इन ड्रोनों को जमीन से या किसी वाहन से लॉन्च किया जा सकता है। इनमें लगे हाई-रिजॉल्यूशन कैमरे और सेंसर लक्ष्य की पहचान करते हैं। सही समय आने पर ड्रोन सीधे टारगेट से टकराकर विस्फोट कर देता है।
इनका इस्तेमाल रडार सिस्टम, बख्तरबंद गाड़ियां, कमांड पोस्ट और एयर डिफेंस सिस्टम को नष्ट करने में किया जाता है।
दुनिया भर में बढ़ता इस्तेमाल
कामिकेज ड्रोन का इस्तेमाल हाल के वर्षों में यूक्रेन, सीरिया, आर्मेनिया-अजरबैजान संघर्ष सहित कई युद्ध क्षेत्रों में हो चुका है।
अमेरिका (Switchblade), इजराइल (Harop) और ईरान (Shahed) जैसे देश इस तकनीक में आगे हैं। अब भारत भी स्वदेशी विकास और बड़े पैमाने पर खरीद के जरिए अपनी सैन्य ताकत को और मजबूत कर रहा है।
भविष्य की जंग का अहम हथियार
विशेषज्ञों का मानना है कि कामिकेज ड्रोन आने वाले समय में युद्ध की रणनीति को पूरी तरह बदल देंगे। कम लागत, ज्यादा सटीकता और न्यूनतम जोखिम के कारण ये आधुनिक युद्ध का सबसे प्रभावी हथियार बनते जा रहे हैं।