
यूरोप में हायर एजुकेशन का ख्वाब कई भारतीय छात्रों का होता है। हालांकि, कुछ देशों में पढ़ाई के बाद जॉब मिलने की संभावना बहुत कम है। यूरोन्यूज बिजनेस की रिपोर्ट के अनुसार, इन देशों में ग्रेजुएट स्टूडेंट्स के बीच बेरोजगारी दर काफी ज्यादा है, जिससे स्टूडेंट्स को पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी पाने में मुश्किल होती है।
इन 5 यूरोपीय देशों में UG-PG के लिए एडमिशन न लें:
- तुर्की
- कुल बेरोजगारी दर: 8.8%
- ग्रेजुएट बेरोजगारी दर: 9.2%
- वजह: विश्वविद्यालयों में छात्रों की संख्या दोगुनी हो गई है, क्वालिटी एजुकेशन की कमी और स्किल गैप।
- ग्रीस
- कुल बेरोजगारी दर: 10.1%
- ग्रेजुएट बेरोजगारी दर: 7.3%
- वजह: डिजिटल और मैथ्स स्किल में पिछड़ापन, क्वालिटी एजुकेशन की कमी, नौकरी पाने के लिए कठिनाई।
- स्पेन
- कुल बेरोजगारी दर: 11.4%
- ग्रेजुएट बेरोजगारी दर: 6.9%
- वजह: ज्यादातर नौकरियां अस्थायी/सीजनल, जॉब सिक्योरिटी नहीं।
- सर्बिया
- कुल बेरोजगारी दर: 8.6%
- ग्रेजुएट बेरोजगारी दर: 6.5%
- वजह: अधिकांश जॉब्स बेलग्रेड में, दक्षिणी/पश्चिमी हिस्सों में नौकरी के मौके कम।
- फ्रांस
- कुल बेरोजगारी दर: 7.4%
- ग्रेजुएट बेरोजगारी दर: 5%
- वजह: विदेशी स्टूडेंट्स को जॉब पाने में मुश्किल, फ्रेंच भाषा का ज्ञान अनिवार्य।
विशेषज्ञों का कहना है कि इन देशों में पढ़ाई सस्ती और किफायती हो सकती है, लेकिन जॉब मार्केट के लिहाज से जोखिम ज्यादा है। इसलिए यूरोप में हायर एजुकेशन की प्लानिंग करते समय स्किल डिमांड और जॉब अवसरों को भी ध्यान में रखना बेहद जरूरी है।