
नई दिल्ली/जयपुर: भारत और मलेशिया की सेनाओं ने राजस्थान में आयोजित संयुक्त सैन्य अभ्यास हरिमाऊ शक्ति 2025 के तहत उन्नत सामरिक युद्धाभ्यास को सफलतापूर्वक संपन्न किया। इस अभ्यास में हेलीबोर्न इन्सर्शन तकनीक, लाइव फायरिंग और वास्तविक युद्ध परिस्थितियों के अनुरूप युद्धाभ्यास किए गए, जिनका उद्देश्य दोनों देशों के बीच इंटरऑपरेबिलिटी और संयुक्त युद्ध क्षमता को मजबूत करना था।
अभ्यास में 190 जवान हुए शामिल:
5 से 18 दिसंबर 2025 तक आयोजित इस अभ्यास में भारतीय सेना के 120 जवान, मुख्य रूप से डोगरा रेजिमेंट के सैनिक, और मलेशियाई सेना की 25वीं बटालियन के 70 सैनिक शामिल हुए। अभ्यास का समापन समारोह राजस्थान के महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में आयोजित किया गया।
हेलीबोर्न इन्सर्शन और लाइव फायरिंग का प्रदर्शन:
अभ्यास के दौरान सैनिकों ने हेलीकॉप्टर से रस्सी के सहारे नीचे उतरना, घात लगाने, स्लाइडिंग तकनीक, लाइव फायरिंग और संयुक्त पैट्रोलिंग जैसे आधुनिक युद्धाभ्यास किए। यह प्रशिक्षण जटिल और सीमित भू-भाग में संचालन की क्षमता बढ़ाने के लिए आयोजित किया गया।
आतंकवाद-रोधी कार्रवाई और रणनीतिक सहयोग:
अभ्यास में दोनों सेनाओं ने अर्ध-शहरी और शहरी इलाकों में आतंकवाद-रोधी रणनीतियों का अभ्यास किया। छोटे दस्तों की आक्रामक क्षमता, त्वरित निर्णय-क्षमता और संयुक्त संचालन कौशल पर विशेष जोर दिया गया। रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, यह अभ्यास भारत-मलेशिया रक्षा सहयोग की मजबूती, आपसी विश्वास और रणनीतिक साझेदारी का प्रतीक है।
क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए संदेश:
भारत और मलेशिया ने इस अभ्यास के माध्यम से स्पष्ट किया कि इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए दोनों देश मिलकर भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार हैं।