
नई दिल्ली।
भारत में इंटरनेट और मोबाइल कॉलिंग सेवाएं पड़ोसी देशों के मुकाबले बेहद सस्ती हैं। लेकिन सवाल यह उठता है कि ऐसा कैसे संभव हो पाया? भारत सरकार ने इसका कारण साफ कर दिया है।
संचार राज्य मंत्री पेम्मासानी चंद्रा शेखर ने 18 दिसंबर 2025 को राज्यसभा में लिखित जवाब में बताया कि भारत में मोबाइल डेटा और कॉलिंग की कीमतों को कम रखने में सरकारी नीतियां और TRAI के रेगुलेशन अहम भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि टेलीकॉम कंपनियां बाजार के आधार पर अपने रिचार्ज प्लान तय कर सकती हैं, लेकिन कुछ सेवाओं की कीमतें TRAI नियंत्रित करती है।
भारत सबसे सस्ते इंटरनेट वाले देशों में
अंतरराष्ट्रीय टेलीकॉम यूनियन (ITU) के 2024 के आंकड़ों के अनुसार, भारत मोबाइल सर्विसेज की कीमत के मामले में दुनिया के सबसे सस्ते देशों में शामिल है। भारत की कीमतें चीन, पाकिस्तान और कई अन्य देशों की तुलना में काफी कम हैं।
क्यों है डेटा सस्ता?
- सरकारी नीतियां और रेगुलेशन: TRAI एक्ट 1997 के तहत टेलीकॉम कीमतों को नियंत्रित किया जाता है।
- मजबूत प्रतिस्पर्धा: बाजार में कई कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्धा होने से कीमतें कम रहती हैं।
- कंपनियों का स्वतंत्र फैसला: कॉल, SMS और डेटा की कीमतें कंपनियां खुद तय करती हैं, जिससे ग्राहकों को सस्ते और विविध प्लान मिलते हैं।
भारत बनेगा दुनिया का डेटा सेंटर
संचार मंत्री ने यह भी कहा कि सस्ते डेटा और ब्रॉडबैंड की सुविधा भारत को दुनिया का डेटा सेंटर बनाने में मदद करेगी। अगले चार-पांच सालों में भारत इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ सकता है।
निष्कर्ष:
भारत में सस्ता इंटरनेट सिर्फ ग्राहकों के लिए लाभकारी नहीं, बल्कि यह देश की डिजिटल क्षमताओं को बढ़ाने और वैश्विक डेटा केंद्र बनने की दिशा में भी अहम कदम है।