
भारत में चीतों को पुनर्वास देने की तैयारी जोरों पर है। मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में जल्द ही बोत्सवाना से आठ चीतों का आगमन होगा। इसमें दो वयस्क मादा चीतों और उनके छह शावक शामिल हैं। यह कदम भारत में जंगली चीतों की आबादी बढ़ाने के लिए उठाए जा रहे महत्त्वपूर्ण प्रयासों का हिस्सा है।
तीन सदस्यीय बोत्सवाना टीम ने दी हरी झंडी
आगमन से पहले बोत्सवाना के वन्यजीव और राष्ट्रीय उद्यान विभाग के तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने कूनो नेशनल पार्क का दौरा किया। इस दल में पशु चिकित्सक, सुरक्षा अधिकारी और जीवविज्ञानी शामिल थे। उन्होंने पार्क में चीतों के रहने की जगह, पशु चिकित्सा सुविधाओं और सुरक्षा व्यवस्थाओं का जायजा लिया।
आइसोलेशन के बाद पार्क में छोड़ा जाएगा
कूनो पहुंचने के बाद इन चीतों को नियमों के अनुसार कुछ समय के लिए अलग रखा जाएगा। इसके बाद उन्हें धीरे-धीरे पार्क में छोड़ा जाएगा। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) के दिशानिर्देशों और पशु चिकित्सा जांच के बाद ही तय होगा कि चीतों को कितने समय के लिए अलग रखा जाएगा और कब पार्क में छोड़ा जाएगा।
भारत में चीतों की संख्या बढ़ाने की कोशिश
कूनो नेशनल पार्क भारत में चीतों के पुनर्वास कार्यक्रम का मुख्य केंद्र है। इससे पहले नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से भी चीते लाए जा चुके हैं। बोत्सवाना से आने वाले ये आठ नए चीतों के साथ कूनो में चीते की आबादी बढ़ाने का प्रयास और भी मजबूत होगा, ताकि जंगली इलाकों में उनकी संख्या में स्थायी वृद्धि हो सके।
आगामी जनवरी में होगा आगमन
अधिकारियों के अनुसार, जनवरी के पहले या दूसरे हफ्ते में ये आठ चीतों को कूनो नेशनल पार्क लाया जा सकता है। वन्यजीव प्रेमियों और पर्यावरण संगठनों में इस कदम को लेकर उत्साह और उम्मीदें दोनों बढ़ गई हैं।