Thursday, December 18

बिहार के 69,649 नियोजित शिक्षकों की नियुक्ति पर संकट! फोल्डर न मिलने से वैधता संदिग्ध

सीतामढ़ी, 18 दिसंबर 2025: बिहार में वर्ष 2006 से 2015 तक नियोजित लगभग 70 हजार शिक्षकों की नियुक्ति पर बड़ा संकट मंडरा रहा है। हाईकोर्ट के आदेश पर निगरानी विभाग द्वारा चल रही जांच में 69,649 शिक्षकों के फोल्डर उपलब्ध नहीं हो पाने के कारण उनकी नियुक्ति की वैधता संदिग्ध मानी जा रही है।

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जांच और फोल्डर की कमी
निगरानी विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जिन शिक्षकों के फोल्डर नहीं मिले हैं, उनकी नियुक्ति पर संशय है। निदेशक, प्राथमिक शिक्षा ने सभी जिलों के डीईओ और डीपीओ को वर्ष 2006 से 2015 तक नियोजित शिक्षकों के शैक्षणिक और प्रशैक्षणिक प्रमाण-पत्रों से भरे फोल्डर अतिशीघ्र उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। हालांकि, 69,809 में से केवल 160 फोल्डर ही निगरानी विभाग को सौंपे जा सके हैं।

फर्जी शिक्षकों की पकड़ और कार्रवाई
संबंधित अधिकारियों के अनुसार, पहले ही सैकड़ों फर्जी शिक्षकों को पकड़ा जा चुका है, उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर नौकरी से बर्खास्त भी किया जा चुका है। सीतामढ़ी जिले में अब तक 62 प्राथमिकी दर्ज कर 96 लोगों को अभियुक्त बनाया गया है, जिनमें 89 शिक्षक हैं। इनमें से 54 शिक्षकों को सेवा से मुक्त किया गया है। हाल ही में बथनाहा प्रखंड के मिडिल स्कूल के शिक्षक रामविलास पंडित, तुरकौलिया के मवि शिक्षक सुनीला सिन्हा, सिरसिया के राम पुकार राय और महुआवा की सुनीता कुमारी समेत कई अन्य शिक्षकों के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की गई है।

निदेशक का कड़ा रुख
प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने मामले को गंभीरता से लिया है और सभी डीईओ/डीपीओ को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि फोल्डर जल्द से जल्द निगरानी विभाग को उपलब्ध कराया जाए। हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार अवैध शिक्षकों को नौकरी छोड़ने पर भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी और वेतन में अनियमितताएं वसूली जाएंगी।

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