
बच्चों के दांतों में कैविटी या अन्य समस्याएं होना आम बात है, लेकिन यह माता-पिता के लिए चिंता का कारण बन सकता है। एम्स, नई दिल्ली के बाल दंत रोग विशेषज्ञ डॉ. विजय प्रकाश माथुर ने बच्चों में दांतों की सड़न और उसके बचाव के उपाय साझा किए हैं।
दांत सड़न के लक्षण
- दांतों पर सफेद, भूरे या काले धब्बे
- खाने के बाद दांत में दर्द या भोजन फंसना
- ठंडा-गर्म खाने से संवेदनशीलता
- सूजन या चबाने में परेशानी
डॉ. माथुर के अनुसार, यह समस्या आमतौर पर 5 साल तक के बच्चों में देखी जाती है और इसे मेडिकल भाषा में अर्ली चाइल्डहुड कैरीज कहा जाता है।
मुख्य कारण
- मीठा और चिपचिपा खाना: चीनी वाला दूध, जूस, मिठाइयां, चॉकलेट और पैक्ड स्नैक्स
- नियमित सफाई की कमी: सही तरीके से ब्रश न करना
प्लाक और बैक्टीरिया
खाने के कण दांतों में फंसे रह जाएं और साफ न किए जाएं तो बैक्टीरिया जमा होने लगते हैं। यह बैक्टीरिया एसिड बनाते हैं, जो दांत की ऊपरी परत (इनेमल) को धीरे-धीरे खराब कर देते हैं। अगर समय रहते प्लाक हटा न जाए तो कैविटी बन सकती है।
इलाज न कराने के खतरे
- तेज दर्द और सूजन
- संक्रमण जो चेहरे और गर्दन तक फैल सकता है
- गंभीर मामलों में जीवन के लिए खतरा
बचाव और देखभाल
- दांत निकलने से पहले मसूड़ों को गीले कपड़े या मुलायम सफाई से साफ करें।
- दांत निकलते ही दिन में दो बार ब्रश करें।
- टूथब्रश को 45 डिग्री के एंगल पर रखें और छोटे गोलाकार घुमाते हुए ब्रश करें।
- दांत की सभी सतहों – ऊपर, नीचे और चबाने वाली सतह – साफ करें।
- मसूड़ों की हल्की मालिश और जीभ की सफाई करें।
- टूथपेस्ट की मात्राः थोड़ी सी मात्रा ही पर्याप्त है।
डॉक्टर की सलाह
- बच्चों के दांतों की देखभाल पहले दिन से शुरू करें।
- समय-समय पर दांतों की जांच करवाएं।
- सही देखभाल से बच्चों के दांत मजबूत और स्वस्थ रहते हैं।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी और उपचार के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।