
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के लिए 20 दिसंबर का दिन ऐतिहासिक होने जा रहा है। इसी दिन शहर को उसकी पहली मेट्रो सेवा मिलने जा रही है, जो 21 दिसंबर से नियमित रूप से यात्रियों के लिए शुरू होगी। यह मेट्रो न केवल शहर के सार्वजनिक परिवहन को आधुनिक बनाएगी, बल्कि ट्रैफिक जाम की समस्या से भी बड़ी राहत दिलाएगी। हालांकि, सुरक्षित और सुव्यवस्थित यात्रा के लिए मेट्रो प्रशासन ने सख्त नियम भी लागू किए हैं, जिनका पालन करना हर यात्री के लिए अनिवार्य होगा।
आधुनिक सुविधाओं से लैस मेट्रो
भोपाल मेट्रो के कोच आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित हैं। यात्रियों की सहूलियत के लिए कोचों में मोबाइल और लैपटॉप चार्जिंग के लिए USB प्वॉइंट उपलब्ध कराए गए हैं। मेट्रो का संचालन सुभाष नगर डिपो से किया जाएगा। शुरुआती चरण में ट्रेनें हर 30 मिनट के अंतराल पर चलेंगी। फिलहाल डिपो में 8 ट्रेन सेट (कुल 24 कोच) तैयार हैं।
ये हैं जुर्माने के कड़े नियम
मेट्रो प्रशासन ने साफ किया है कि नियम तोड़ने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी।
- मेट्रो परिसर में थूकने पर 200 रुपये का जुर्माना
- दरवाजे ब्लॉक करने पर 5,000 रुपये तक का जुर्माना
- मेट्रो में शराब ले जाना पूरी तरह प्रतिबंधित
- आपातकालीन सहायता बिंदु (इमरजेंसी बटन) का दुरुपयोग करने पर 1,000 रुपये जुर्माना या एक साल तक की कैद का प्रावधान
बिजली व्यवस्था और सुरक्षा
भोपाल मेट्रो को 132 केवी ग्रिड से सीधे बिजली आपूर्ति की जाएगी। निर्बाध संचालन के लिए दो अलग-अलग बिजली कनेक्शन रखे गए हैं। सुरक्षा और संचालन को लेकर कर्मचारियों का प्रशिक्षण दिल्ली मेट्रो के मार्गदर्शन में पूरा किया जा चुका है, जिससे यात्रियों को सुरक्षित और सुचारु सेवा मिलने का भरोसा जताया जा रहा है।
सबसे पहले इस रूट पर चलेगी मेट्रो
शुरुआत में मेट्रो का संचालन AIIMS भोपाल से सुभाष नगर मेट्रो डिपो के बीच किया जाएगा। यह करीब 6.3 किलोमीटर लंबा प्राथमिकता गलियारा है।
भविष्य में दो प्रमुख लाइनों पर मेट्रो दौड़ने की योजना है—
- ऑरेंज लाइन: करोंद से AIIMS भोपाल
- ब्लू लाइन: भदभदा से रत्नागिरी
इस परियोजना की शुरुआती अनुमानित लागत 6,941 करोड़ रुपये थी, लेकिन देरी और डिजाइन में बदलाव के चलते अब लागत में करीब 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो चुकी है।
नए दौर की शुरुआत
भोपाल मेट्रो को राजधानी के लिए एक आधुनिक रैपिड ट्रांजिट सिस्टम माना जा रहा है, जो शहर की रफ्तार बढ़ाने के साथ-साथ प्रदूषण और ट्रैफिक दबाव को कम करेगा। प्रशासन का कहना है कि नियमों का पालन कर यात्री इस नई सुविधा का सुरक्षित और आरामदायक आनंद ले सकेंगे।