
बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा एक मुस्लिम महिला का हिजाब हटाने की कथित घटना को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है। विपक्ष जहां इस मुद्दे को लेकर सरकार पर हमलावर है, वहीं केंद्रीय मंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के संरक्षक जीतन राम मांझी मुख्यमंत्री के बचाव में खुलकर सामने आए हैं। मांझी ने इस पूरे प्रकरण को अनजाने में हुई घटना बताते हुए इसे धर्म से जोड़ने को पूरी तरह गलत करार दिया है।
‘इरादा अपमान का नहीं था’
मीडिया से बातचीत में जीतन राम मांझी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का उद्देश्य किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना या किसी महिला का अपमान करना नहीं था। उन्होंने कहा,
“संभव है मुख्यमंत्री ने स्नेहवश बेटी या बहू समझकर ऐसा किया हो। यह एक्सीडेंटली हुआ होगा। उनका इरादा बिल्कुल भी गलत नहीं था।”
मांझी ने जोर देकर कहा कि काम के दौरान सहजता में कभी-कभी ऐसी घटनाएं हो जाती हैं, जिन्हें गलत अर्थों में नहीं देखा जाना चाहिए।
‘धर्म के चश्मे से न देखे विपक्ष’
केंद्रीय मंत्री ने विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि इस मामले को सांप्रदायिक रंग देना अनुचित है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार का राजनीतिक जीवन सर्वधर्म समभाव और समाज के हर वर्ग के कल्याण के लिए समर्पित रहा है।
मांझी ने कहा, “इस घटना को धर्म के चश्मे से देखना गलत है। मुख्यमंत्री की बात एक अभिभावक की सलाह जैसी थी, न कि किसी धर्म पर हमला।”
‘राजनीतिक लाभ के लिए मुद्दे को तूल’
विपक्ष पर निशाना साधते हुए जीतन राम मांझी ने आरोप लगाया कि कुछ राजनीतिक दल राजनीतिक लाभ के लिए इस मुद्दे को बेवजह तूल दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य को इस समय विकास, रोजगार और सामाजिक सौहार्द की जरूरत है, न कि ऐसे विवादों की जो समाज में विभाजन पैदा करें।
मांझी ने भरोसा जताया कि जनता सच्चाई समझती है और विपक्ष की कोशिशें सफल नहीं होंगी। उनका कहना था कि ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर राजनीति करने के बजाय सभी को संयम और समझदारी से काम लेना चाहिए।