
नई दिल्ली: हायर एजुकेशन सेक्टर में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। केंद्र सरकार ने ‘विकसित भारत अधिष्ठान बिल 2025’ (Viksit Bharat Shiksha Adhishthan Bill) लोकसभा में पेश किया है। यह बिल उन यूनिवर्सिटीज और कॉलेजों के खिलाफ सख्त कदम उठाने का अधिकार देगा, जो नियमों का पालन नहीं करते हैं। बिल लागू होने पर ऐसे संस्थानों पर 10 लाख से 2 करोड़ रुपये तक जुर्माना और बंद करने का प्रावधान होगा।
कौन-कौन से संस्थान होंगे बिल के दायरे में?
यह बिल केंद्रीय और राज्य विश्वविद्यालयों, डीम्ड यूनिवर्सिटीज, IIT, NIT, कॉलेज, ऑनलाइन और ओपन यूनिवर्सिटीज पर लागू होगा। हालांकि, मेडिकल, लॉ, फार्मेसी, नर्सिंग और स्वास्थ्य संबंधित पाठ्यक्रम सीधे बिल के दायरे में नहीं आएंगे, लेकिन इन्हें भी एकेडमिक नियमों का पालन करना होगा।
बिल में क्या बदलाव होंगे?
- UGC, AICTE और NCTE को मर्ज कर सिंगल हायर एजुकेशन रेगुलेटर बनाया जाएगा।
- सभी कॉलेज और यूनिवर्सिटीज समान नियमों और प्रक्रियाओं का पालन करेंगे।
- विश्वविद्यालयों को अपने फाइनेंशियल ऑडिट्स, इंफ्रास्ट्रक्चर, फैकल्टी डेटा, कोर्स, रिजल्ट और मान्यता पब्लिक करनी होगी।
- फर्जी या अनधिकृत संस्थानों पर जुर्माना और बंद करने का अधिकार बिल में स्पष्ट किया गया है।
स्टूडेंट्स के लिए क्या होगा असर?
- अगर किसी यूनिवर्सिटी को डिग्री देने के समय मान्यता प्राप्त थी, तो स्टूडेंट्स को चिंता करने की जरूरत नहीं। आमतौर पर डिग्री की मान्यता बनी रहती है।
- गैर-मान्यता प्राप्त संस्थानों से डिग्री लेने वाले स्टूडेंट्स की डिग्री मान्य नहीं होगी। ऐसे स्टूडेंट्स को कोर्ट का सहारा लेना पड़ सकता है।
- स्टूडेंट्स को सलाह दी जाती है कि एडमिशन लेने से पहले यूनिवर्सिटी की मान्यता, डोमेन (.edu.in / .ac.in), NAAC ग्रेड, फीस स्ट्रक्चर और अप्रूवल लेटर जैसी जानकारियों की जांच जरूर करें।
केंद्र सरकार का मकसद हायर एजुकेशन सिस्टम में पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित करना है, ताकि स्टूडेंट्स फर्जी संस्थानों के जाल में न फंसे और उनका भविष्य सुरक्षित रहे।