बढ़ती गर्मी के तेवर से जनजीवन प्रभावित, अस्पतालों में मौसमी बीमारियों के मरीजों की संख्या बढ़ी

 

खेतिया, 10 अप्रैल (एसडी न्यूज एजेंसी)।
अप्रैल की शुरुआत के साथ ही गर्मी ने अपना विकराल रूप दिखाना शुरू कर दिया है। खेतिया में मंगलवार को सुबह 8 बजे जहां तापमान 31 डिग्री सेल्सियस था, वहीं दोपहर तक यह 40 डिग्री से अधिक दर्ज किया गया। भीषण गर्मी के कारण दोपहर में बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा और आमजन घरों में ही रहने को विवश नजर आए।

लोग गर्मी से राहत पाने के लिए नींबू पानी, गन्ने का रस, लस्सी व अन्य पेय पदार्थों का सहारा ले रहे हैं। वहीं, कूलर, पंखे और फ्रिज की मांग में भी तेज़ी आई है। देसी फ्रिज के रूप में लोकप्रिय मटकों की बिक्री में भी भारी इज़ाफा देखने को मिला है।

तेज गर्म हवाओं की चेतावनी, जनजीवन पर असर

मौसम विभाग ने आगामी 11 अप्रैल तक तेज गर्म हवाएं (लू) चलने की चेतावनी दी है, जिससे हीट स्ट्रोक की आशंका भी बढ़ गई है। इसी के चलते जिला प्रशासन बड़वानी द्वारा एडवाइजरी जारी की गई है।

खेतिया में गर्मी के कारण शासकीय अस्पताल में ओपीडी में मरीजों की संख्या में वृद्धि दर्ज की जा रही है। विशेष रूप से डिहाइड्रेशन, उल्टी-दस्त, बुखार व अन्य मौसमी बीमारियों से पीड़ित लोग इलाज के लिए पहुंच रहे हैं।

डॉक्टरों की सलाह : सावधानी ही सुरक्षा

शासकीय अस्पताल के डॉ. दीपक पटेल ने आमजन को सुझाव दिया है कि वे गर्मी से बचने के लिए दिनभर अधिक से अधिक पानी पिएं, बिना आवश्यक कार्य के बाहर न निकलें, और यदि निकलना पड़े तो सिर व मुंह को कपड़े से ढँक कर ही बाहर जाएं

उन्होंने यह भी कहा कि लोग नींबू पानी, जूस या ORS घोल का सेवन करें तथा दूषित खाद्य पदार्थों से परहेज रखें।

नगर परिषद ने शुरू की प्याऊ व्यवस्था, पर खाद्य विभाग निष्क्रिय

गर्मी को देखते हुए नगर परिषद खेतिया द्वारा विभिन्न स्थानों पर प्याऊ की व्यवस्था की गई है ताकि आमजन को ठंडा पेयजल मिल सके।

वहीं, बढ़ती गर्मी के साथ शीतल पेय, आइसक्रीम और गन्ने के रस की दुकानों पर भीड़ बढ़ती जा रही है। स्थानीय व नामी कंपनियों के शीतल पेय बाजार में खुले में बिक रहे हैं, लेकिन खाद्य सुरक्षा विभाग की ओर से अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है, जो चिंता का विषय है।

पेयजल आपूर्ति जारी, लेकिन हो रहा जल का दुरुपयोग

नगर में पेयजल आपूर्ति नगर परिषद द्वारा की जा रही है, किंतु जल संरक्षण के प्रयासों के बावजूद दुरुपयोग नहीं रुक पा रहा है। गर्म हवाओं के चलते पेड़-पौधों के पत्ते झड़ने लगे हैं, जिससे वातावरण और भी शुष्क होता जा रहा है।

सावधानी ही समाधान

बढ़ती गर्मी ने न केवल आम जनजीवन को प्रभावित किया है, बल्कि प्रशासन को भी सतर्क कर दिया है। आगामी दिनों में तापमान और बढ़ने की संभावना को देखते हुए सावधानी ही सबसे बड़ा उपाय है।

अंतिम युद्ध – राजेश नाहर
एसडी न्यूज एजेंसी, खेतिया

 


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