
नई दिल्ली। इंडियन प्रीमियर लीग 2026 का मिनी ऑक्शन 16 दिसंबर को अबू धाबी में संपन्न हुआ। इस नीलामी में जहां अनकैप्ड खिलाड़ियों पर पैसों की बारिश हुई, वहीं कई दिग्गज और साबितशुदा खिलाड़ी अपेक्षा से बेहद कम कीमत पर बिके। क्रिकेट जगत में इन्हें ‘कौड़ी के भाव’ हुए सौदे कहा जा रहा है, जिनसे फ्रेंचाइजियों का जैकपॉट लगना तय माना जा रहा है।
नीलामी के बाद सबसे ज्यादा चर्चा में रहे ऐसे ही पांच नाम, जिनकी काबिलियत उनकी कीमत से कहीं ज्यादा बड़ी है—
डेविड मिलर (दिल्ली कैपिटल्स)
साउथ अफ्रीका के अनुभवी फिनिशर डेविड मिलर को दिल्ली कैपिटल्स ने महज 2 करोड़ रुपये में अपने खेमे में शामिल कर लिया। यह राशि उनका बेस प्राइस थी। आईपीएल में 141 मुकाबलों का अनुभव रखने वाले मिलर 3077 रन बना चुके हैं और किसी भी टीम के लिए मैच पलटने की क्षमता रखते हैं।
बेन डकेट (दिल्ली कैपिटल्स)
इंग्लैंड के विस्फोटक ओपनर बेन डकेट भी दिल्ली कैपिटल्स के खाते में गए और वह भी सिर्फ 2 करोड़ रुपये में। डकेट का टी20 रिकॉर्ड शानदार रहा है। उन्होंने इंग्लैंड के लिए 20 टी20 मुकाबलों में 527 रन बनाए हैं। पावरप्ले में आक्रामक बल्लेबाजी के लिए पहचाने जाने वाले डकेट को इस कीमत पर खरीदना दिल्ली के लिए फायदे का सौदा माना जा रहा है।
सरफराज खान (चेन्नई सुपर किंग्स)
घरेलू क्रिकेट में रनों का पहाड़ खड़ा करने वाले सरफराज खान को पहले राउंड में अनसोल्ड रहना पड़ा, लेकिन दूसरे राउंड में चेन्नई सुपर किंग्स ने उन्हें उनके बेस प्राइस 75 लाख रुपये में खरीद लिया। सरफराज की तकनीक और निरंतरता को देखते हुए यह सौदा सीएसके के लिए भविष्य की बड़ी पूंजी साबित हो सकता है।
क्विंटन डिकॉक (मुंबई इंडियंस)
साउथ अफ्रीका के स्टार विकेटकीपर-बल्लेबाज क्विंटन डिकॉक भी इस बार उम्मीद से कहीं कम कीमत पर बिके। मुंबई इंडियंस ने उन्हें 1 करोड़ रुपये में खरीदा, जो उनका बेस प्राइस था। अनुभव, विस्फोटक बल्लेबाजी और विकेटकीपिंग क्षमता के लिहाज से डिकॉक को इस कीमत पर लेना मुंबई के लिए मास्टरस्ट्रोक माना जा रहा है।
आकाश दीप (कोलकाता नाइटराइडर्स)
भारत के तेज गेंदबाज आकाश दीप को कोलकाता नाइटराइडर्स ने 1 करोड़ रुपये में खरीदा। घरेलू क्रिकेट और आईपीएल में अपनी रफ्तार व अनुशासन से प्रभावित करने वाले आकाश दीप के लिए यह सौदा केकेआर को डेथ ओवरों में मजबूती दे सकता है।
कुल मिलाकर, IPL 2026 के इस मिनी ऑक्शन में कुछ बड़े नाम भले ही सस्ते में बिके हों, लेकिन मैदान पर उनका असर महंगा पड़ सकता है। आने वाले सीजन में यही ‘कौड़ी के भाव’ खरीदे गए खिलाड़ी फ्रेंचाइजियों के लिए ट्रॉफी की राह आसान कर सकते हैं।