
नई दिल्ली: अडानी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज के डायरेक्टर प्रणव अडानी पर इनसाइडर ट्रेडिंग के गंभीर आरोप लगे हैं। यह मामला 2022 में अडानी ग्रुप द्वारा एनडीटीवी का अधिग्रहण करने के समय से जुड़ा है। आरोप है कि प्रणव अडानी ने इस अधिग्रहण से जुड़ी प्राइस-सेंसिटिव जानकारी (UPSI) अपने साले और कुछ करीबी के साथ साझा की थी, जो इनसाइडर ट्रेडिंग नियमों का उल्लंघन माना जाता है।
सेबी ने जारी किया नोटिस:
सेबी (SEBI) ने प्रणव अडानी, उनके साले कुणाल और नृपल शाह तथा ससुर धनपाल शाह को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। नोटिस के अनुसार, प्रणव अडानी ने इनसाइडर जानकारी साझा करने के लिए कई कॉल और ईमेल किए थे। 15 अक्टूबर 2025 को जारी नोटिस में सेबी ने कहा कि इस संबंध में अभी तक कोई जवाब नहीं मिला।
क्या है पूरा मामला:
23 अगस्त 2022 को अडानी ग्रुप ने एनडीटीवी के शेयरों के 26% तक अधिग्रहण का ओपन ऑफर प्रस्तुत किया था। इसमें 1.676 करोड़ शेयरों की खरीद शामिल थी, जिसकी कीमत 294 रुपये प्रति शेयर थी और कुल सौदा लगभग 492.81 करोड़ रुपये का हुआ। इस घोषणा के बाद शेयर की कीमत में तेजी आई।
सेबी का कहना है कि यह घोषणा बाजार बंद होने के बाद की गई थी और इसे अप्रत्यक्ष रूप से संवेदनशील जानकारी (UPSI) माना गया। इस जानकारी के सार्वजनिक होने के पहले, कुणाल शाह ने कथित तौर पर कई मौकों पर शेयर खरीदे, जिससे जांच का विषय बना।
जांच और वर्तमान स्थिति:
सेबी ने अपने नोटिस में कहा कि 2 मई 2022 से 15 सितंबर 2022 तक इस मामले की जांच की गई। जांच में यह पाया गया कि कुछ संस्थाओं ने यूपीएसआई अवधि में एनडीटीवी के शेयरों का कारोबार किया। हालांकि, पिछले हफ्ते सेबी ने सबूतों की कमी का हवाला देते हुए प्रणव अडानी और उनके साले नृपल व कुणाल शाह के खिलाफ इस इनसाइडर ट्रेडिंग मामले को बंद कर दिया।