Monday, December 15

ICICI प्रूडेंशियल AMC का IPO: ग्रे मार्केट में बढ़ता प्रीमियम, MD-CEO का क्या कहना है?

मुंबई: आईपीओ बाजार में इन दिनों कई पब्लिक इश्यू खुले हैं, लेकिन निवेशकों की नजरें ICICI प्रूडेंशियल एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) के 10,602 करोड़ रुपये के IPO पर टिकी हैं। यह IPO 12 दिसंबर को खुला और 16 दिसंबर तक निवेश के लिए खुला रहेगा। एक शेयर का प्राइस बैंड 2,061 से 2,165 रुपये तय किया गया है।

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ग्रे मार्केट में इस आईपीओ का प्रीमियम लगातार बढ़ रहा है। सोमवार सुबह 10 बजे इसकी कीमत 14.3% या 310 रुपये अधिक दिख रही थी, जिससे निवेशकों में उत्साह साफ देखा जा सकता है।

आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल AMC के एमडी एवं सीईओ निमेश शाह ने इस IPO को लेकर ई-मेल इंटरव्यू में कई अहम बातें साझा कीं।

IPO पूरी तरह OFS है, संचालन नहीं बदलेगा
निमेश शाह के अनुसार, यह IPO पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल (OFS) है। कंपनी का प्रबंधन, निवेश फिलॉसफी और गवर्नेंस ढांचा वही रहेगा। यह IPO केवल लिक्विडिटी और वाइडर ओनरशिप प्रदान करता है।

लाभ टिकाऊ हैं
नियमों में हुए बदलावों ने निवेशकों के हित को सुरक्षित किया है। कम शुल्क और अधिक भागीदारी के कारण समय के साथ उच्च लाभ संभव हैं।

SIP निवेशक स्थिर रहते हैं
एसआईपी निवेशक, जो रिटायरमेंट या बच्चों की शिक्षा जैसे लक्ष्य पर निवेश करते हैं, उतार-चढ़ाव के दौरान भी निवेशित रहते हैं। समय के साथ अनुशासित निवेश बेहतर रिटर्न देता है।

ऑपरेटिंग प्रॉफिट पर जोर क्यों?
निमेश शाह के अनुसार, ऑपरेटिंग प्रॉफिट वास्तविक धन प्रबंधन से होने वाली आय को दर्शाता है और यह मुख्य व्यवसाय की मजबूती का सटीक माप है।

लिस्टिंग से जिम्मेदारी पर असर नहीं
लिस्टिंग के बाद भी कंपनी की निवेशक-प्रबंधन संस्कृति नहीं बदलेगी। शेयरधारकों के हित निवेशकों की संपत्ति बढ़ने पर निर्भर हैं।

सक्रिय प्रबंधन और आकार का प्रदर्शन पर असर
जब तक सक्रिय रणनीतियाँ अल्फा प्रदान करती रहेंगी, निवेशक सक्रिय फंडों में निवेश करते रहेंगे। बड़े फंड का आकार प्रदर्शन पर असर नहीं डालता यदि मजबूत प्रक्रियाएँ और जोखिम प्रबंधन अपनाए जाएँ।

म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में वृद्धि के कारण
सिस्टमेटिक ट्रांजैक्शन का विस्तार और बाजार मूल्य वृद्धि से परिसंपत्ति मूल्यों में बढ़ोतरी ने इस उद्योग को स्वस्थ और सतत विकास की दिशा दी।

दीर्घकालिक भरोसा
निमेश शाह का मानना है कि भारत के जनसांख्यिकी, डिजिटलीकरण, औपचारिकीकरण और घरेलू बचत में वृद्धि जैसे कारक दीर्घकालिक निवेशकों के लिए लाभकारी रहेंगे।

इस आईपीओ के माध्यम से निवेशकों को न सिर्फ लाभ का अवसर मिल रहा है, बल्कि भारतीय म्यूचुअल फंड उद्योग में स्थिरता और वृद्धि का भी भरोसा दिया जा रहा है।

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