Monday, December 15

चीन की अर्थव्यवस्था पर ब्रेक: ना बिक्री, ना निवेश… ड्रैगन की मुश्किलें बढ़ीं

नई दिल्ली: चीन की अर्थव्यवस्था इन दिनों धीमी गति से आगे बढ़ रही है और संकेत मिल रहे हैं कि हालात और चुनौतीपूर्ण होते जा रहे हैं। न तो देश के अंदर निवेश सही ढंग से आ पा रहा है और न ही चीन का सामान दुनिया में आसानी से बिक पा रहा है।

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राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो (NBS) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, नवंबर में खुदरा बिक्री केवल 1.3% बढ़ी, जो कोविड महामारी के बाद की सबसे धीमी रफ्तार है। विशेषज्ञों ने 2.9% की बढ़ोतरी की उम्मीद जताई थी, लेकिन वास्तविक आंकड़े उम्मीदों से बहुत कम रहे।

फैक्ट्री उत्पादन और निवेश भी धीमा
औद्योगिक उत्पादन नवंबर में 4.8% बढ़ा, जबकि रॉयटर्स ने 5% की उम्मीद जताई थी। वहीं प्रॉपर्टी सेक्टर में भारी गिरावट के चलते साल के पहले 11 महीनों में फिक्स्ड-एसेट इन्वेस्टमेंट 2.6% घट गया। शहरी बेरोजगारी दर स्थिर 5.1% पर रही, जिससे लेबर मार्केट में कोई खास सुधार नहीं दिखा।

कार बिक्री में भी गिरावट
ऑटो उद्योग के लिए खबरें निराशाजनक हैं। नवंबर में सालाना कार बिक्री 8.5% गिर गई, जो पिछले 10 महीनों की सबसे बड़ी गिरावट है। आमतौर पर साल के अंतिम दो महीनों में बिक्री में बढ़ोतरी होती है, लेकिन इस बार ग्राहकों को लुभाने में सफलता नहीं मिली।

घरेलू खपत बढ़ाना चुनौतीपूर्ण
चीन के लिए घरेलू खपत को बढ़ाना आसान नहीं है। विदेशी मांग पर निर्भरता के कारण अर्थव्यवस्था बाहरी जोखिमों के प्रति अधिक संवेदनशील हो गई है। अमेरिकी टैरिफ वॉर और वैश्विक व्यापार में अनिश्चितताओं ने स्थिति और जटिल बना दी है।

आगे क्या है रास्ता?
चीन के नेता अब घरेलू मांग बढ़ाने पर फोकस कर रहे हैं। हाल ही में हुई हाई-लेवल इकोनॉमिक मीटिंग्स में यह तय किया गया कि आने वाले साल में घरेलू खपत को बढ़ाना सर्वोच्च प्राथमिकता होगी, क्योंकि विदेशी बाजारों में अनिश्चितता लगातार बढ़ रही है।

चीन की अर्थव्यवस्था के लिए यह समय चुनौतियों भरा है, और अब यह देखने की बात होगी कि देश अपने “ड्रैगन” को पटरी पर लाने में कितनी सफलता हासिल करता है।

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